________________ पुण्यातच चरित्रं 11674 000121800210 O0000000ODESEDIEDO9000 अर्थः-(त्यारे) तेओए कयुं के, जगत्ने खुशी करवामां चतुर, एवो आ माणव नामनो यक्ष छे, अने तेनी आजे पुण्योना ) सान्वय पात्ररूप थयेला आचारवाळी महोटी यात्रा छे. // 405 // . भाषान्तर कृत्वोपवासं दिवसे निशीथेऽतिथिमादरात / भोजयित्वा विधातव्यं पारणं पुण्यकारणम् // 406 // 167 / __अन्वयः-दिवसे उपवासं कृत्वा निशीथे आदरात् अतिथि भोजयित्वा पुण्यकारणं पारणं विधातव्यं. // 406 // अर्थ:-दिवसे उपवास करीने मध्यरात्रिए आदरपूर्वक अतिथिने जमाडी पुण्यना कारणरूप पारणुं कर. // 406 // .. तदीक्षोपवासानां पारणायोद्यमस्पृशाम् / त्वं भवातिथिरस्माकमाकस्मिकसमागमः // 407 // . अन्वयः-तत् ईदृक्षोपवासानां पारणाय उद्यमस्पृशां अस्माकं आकसिक समागमः त्वं अतिथिः भव? // 407 // अर्थः-माटे आवी रीतना उपवासवाला अने पारणामाटे तैयार थयेला एवा जे अमो, तेओनो अकस्मात आवी पहोंचेलोतं अतिथि था? / / 407 / / aoisteneral DeceEIGGEccememesed Ac Gunratnasuri MS Jun Gun Aaradhak Trust