________________ 0999999999999999 पुण्यादय चरित्र सान्वय भाषान्तर 1151 के, (हे) मातजी! अमोए नियम लेइ रात्रिए भोजन करवानो त्याग कर्यो छे. // 367 // युग्मं / / इदं गर्भगृहस्थेन निशम्य वचनं तयोः / यशोधनेन सक्रोधं दध्ये मध्ये हृदस्तदा // 368 // . अन्वयः-तदा तयोः इदं वचनं निशम्य गर्भगृहस्थेन यशोधनेन सक्रोधं हृदः मध्ये दध्ये. // 368 // अर्थः–ते वखते तेओर्नु आ वचन सांभळीने ओरडामा रहेला यशोधने क्रोध सहित मनमा विचार्यु के, // 368 // ध्रुवं धूर्तेन केनापि सुतौ मे विप्रतारितौ। ततः कुलकमायातं त्यजतो रात्रिभोजनम् // 369 // __ अन्वयः-ध्रुवं केन अपि धृतेन मे मुतो विप्रतारितो, ततः कुल क्रमायातं रात्रिभोजनं त्यजतः // 369 // अर्थ:-खरेखर कोइक पण धूताराए मारा पुत्रोने ठग्या छे, अने तेथी कुलपरंपराथी चाल्या आवता रात्रिभोजननो तेओ त्याग करे छे. // 369 // तदवश्यं बुभुक्षातौं कृत्वा द्वित्रैर्दिनैः सुतौ / त्याजयिष्यामि तं रात्रिभोज्यत्यागकदाग्रहम् // 370 // 00000000 DECECeleccccccccccced P PP.AC.Gunratnasun M.S. Jun Gun Aaradhak Trust