________________ Demoneysey पूण्याय चरित्रं सान्वय भाषान्तर अर्थ:-मने जीवतां छतां तमोए भोजन आदिक भोगो पूरा पाड्या छे, तथा मृत्युसमये तमोए मने धर्मदान कयु छे, तेथी। तमो मारा शेठ अने.गुरु छो, माटे खाली हाथे तमारां दर्शन कराय नही. / / 353 / / पारिजाततरोः वर्गलक्ष्मीलक्षणलक्ष्मणः। गृहाणेदं फलं राजन्नसैराजिमितामृतम् // 354 // अन्वयः-(हे) राजन्! स्वर्ग लक्ष्मी लक्षण लक्ष्मणः पारिजाततरोः रस आजिमितामृत इदं फलं गृहाण ? // 354 / / NEL अर्थ:-(माटे). हे राजन्! स्वर्ग लक्ष्मीने जाणवाना चिन्ह सरखा कल्पवृक्षनु, रसवडे अमृतनो पण तिरस्कार करनारु आ फल तमो ग्रहण करो // 364 // - सद्य एवेदमाखाद्यं क्षाल्योऽस्य रसनिरैः / भवद्भाग्यविधोः पङ्को वपुःसंकोचविप्लवः // 355 // अन्वया-सद्यः एव इदं आस्वाय, अस्य रस निझरैः भवद्भाग्य विधोः वपुः संकोच विप्लवः पंकः क्षाल्यः // 35 // अर्थः-(वळी) तुरतज आ फल तमारे खावं, अने आ फलना रसनी धाराबडे तमारा भाग्यरूपी चंद्रनो शरीर संकोचननी Q0000000 00000000 GeecccccccIGGEOGoocco A PP.AC.GunratnasuriM.S. Jun Gun Aaradhak Trust