________________ POSE S SIONSIDEO500 पुण्याय चरित्रं 135 // साम्बय भाषान्तर 1135 अर्थ:-तें घणा देशाना महान वैभववाळी (आ) लक्ष्मीवडे पण हवे मने शो ( आनंद ) थवानो छे? केमके ते हस्तिराजना मृत्युथी जे लक्ष्मी कपाइ गयेला चोटलावाळी (स्त्रीनी) पेठे (कंटाळो आपनारी) थइ पडी छे. // 330 // तारयेव विना दृष्टिरात्मनेव विना तनुः। कीदृशी भाति मे भूमिस्तेनेभविभुना विना // 331 // ___ अन्वयः-तारया विना दृष्टिः इव, आत्मना विना तनुः इव, तेनं इभ विभुना विना में भूमिः कीदशी भाति? // 331 // अर्थ:-कीकी विनानी जेम आंख, तथा जीव विनानुं जेम शरीर, तेम ते हस्तिराज विना मारी पृथ्वी ते केवीक शोभी निकळे? दृगिन्द्रियेण किं मेऽद्य किमु कर्णेन्द्रियेण वा / येन दृश्यं न तद्रूपं येनाकण्यों न तद्ध्वनिः॥ 332 // अन्वयः-येन तद्रुपं न दृश्यं, हग्इंद्रियेण अद्य मे किंी वा येन तद्ध्वनिः न आकर्ण्यः, कर्णेद्रियेण किमु , 332 // अर्थ:-जे वडे ते हाथीनुं स्वरूप न जोइ शकाय, ते चक्षु इंद्रिय हवे मारे शुं प्रयोजन छे? अथवा जे वडे ते हाथीनो नाद न संभळाय, ते कणेंद्रियर्नु पण मारे शुं प्रयोजन के // 332 " .... . ... . .. Daceeeeeecreccamceed Jun Gun Aaradhak Trus PA Gunratasun MS