________________ Poe00000000000000000 पुण्याढय चरित्र 1127 सन्वय या भाषान्तर 127 Screenasa अन्वयः-च अस्यां रुजिन जीवामि, मया अनशनं जगृहे, इति क्षितिन्यस्ताक्षरः करी क्षमापतेः आख्यत् // 312 // अर्थ:-वळी, आ रोगमाथी हुँ उगरी शकुं तेम नथी, माटे में अनशन लीधुं छे, एम जमीनपर अक्षर लखीने ते हाथीए राजाने (पोतानी हकिकत ) जणावी. // 312 // मध्ये पुरस्य न श्रेयो मरणं करिणामिति / जगाम सामजन्मायं शनैरुपवनावनीम् // 313 // अन्वयः-पुरस्य मध्ये करिणां मरणं श्रेयः न, इति अयं सामजन्मा शनैः उपवन अवनी जगाम. // 313 / / अर्थः-नगरनी अंदर हाथीनु मृत्यु कल्याणकारी नही, एम विचारी ते हाथी धीमेधीमे बनभूमिमा गयो. // 313 // अधः क्षिप्त्वेव कर्माणि प्रपेष्टुं प्रतिमल्लवत् / उपाविक्षदसौ वक्षःस्पृष्टदृक्पूतभूतलः॥ 314 // __ अन्वयः-प्रतिमल्लवत् कर्माणि अधः क्षिप्त्वा प्रपेष्टुं इव, वक्षः स्पृष्ट दृक् पूत भूतलः असौ उपाविक्षत्. // 314 // अर्थ:-सामे लडनारा मल्लनी पेठे कर्मोने नीचे नाखीने जाणे तेओने चूरवा माटे होय नही ! तेम दृष्टिथी जोयेली (निर्जीव) amaccica 6666666000000 Jun Gun Aaradhak Trust PPA C MS