________________ OOOOOOOOOOOOOOO पुण्याढय सान्वय भाषान्तर चरित्र // 122 // 1122 / Loremeced पोताना-मेहेलमा आन्यो. // 259 // ...... .. ... ... . .. ... ... .... राजा कुञ्जरराजस्य गुर्वाज्ञाराजितस्ततः। बन्धारोहणयुद्धादिबाधावारमवारयत् // 30 // . ... ____ अन्वयः-गुर्वाज्ञाराजितः राजा ततः कुंजरराजस्य बंध आरोहण युद्धआदि बाधावारं अवारयत्. / / 300 / / अर्थः-गुरुमहाराजनी आज्ञाथी शोभता एवा ते राजाए त्यारथी ते गजराज माटे बंधन, स्वारी, तथा लडाइ आदिकनी पीडानो समूह निवारण कयों, ( अर्थात् तेने ते सर्व क्रियाओथी मुक्त कर्यो.) // 300 // . .... नृपतिर्द्विपनाथस्य स्वस्येवास्य व्यधापयत् / नित्यं भोगभृतस्य त्रीन्वारानारात्रिकक्रियाः // 301 // ___ अन्वयः-स्वस्य इव नित्यं भोगभृतस्य अस्यद्विपनाथस्य नृपतिः त्रीन् वारान आरात्रिकक्रियाः व्यधापयत् // 301 // अर्थ:-पोतानीपेठे हमेशा खवराबी पीवरावीने ते हस्तिराजनी राजा त्रण वखत आरती उतारवानी क्रिया कराववा लाग्यो.३०१ चलन्पदात्पदान्मन्दं स जन्तुकृषयाः द्विपः / तन्मन्दगतयोऽद्यापि तत्क्रमेणैव वारणाः // 302 // OLOG 00000000000000000000 NSAREA4