________________ *********** ************* // अहम् // शास्त्रविशारद जैनाचार्य श्री विजय धर्मसूरीश्वराय नमः नल-दमयंती मा.श्री केलाममागर मृरि ज्ञान मंदिर श्री महामार जेन आगधमा न्द्र, कोबा मा.क. लेखक : शासनदीपक, मुनिराज श्री विद्याविजयजी म. के शिष्य पंन्यास पूर्णानन्द विजयजी (कुमारश्रमण) P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust