________________ णायकुमारचरिउ . [1. 14.1 King Jayandhara, his wife Visalanetra and son Sridhara. A merchant comes with the portrait of a young woman. तप्पइ दिणयरकंताणलेहिँ णीवई ससहरमणिचुयजलेहिं / हरियउ दीसइ मरगयेरुईत सुकिलउ फलिहमयवसुमई। - णिञ्चिंदणीलकंतीनं णीलु सयमहपुरसोहाहरणसीलु / तहिं णिवइ जयंधरु धरियधरणि तेएण विणिज्जियतरुणतरणि / रूवेण कामु कंतीण चंदु. धणवइ धणेण विहवें सुरिंदु / . दंडेण वि वहवसु दंडपाणि जो खत्तधर्मगुणरयणखाणि / २.णियणेत्तोहामियहरिणणेत्त तहो पणइणि पवर विसालणेत्त / उप्पण्णु ताहँ णं. कुसुमबाणु सुउ सिरिहरु अरितरुवरकिसाणु / सुहुँ ताइँ तित्थु णिवसंति जाम एक्कहिँ दिणि थीरूवंकु ताम / णियरिद्धिपर जियवासवेण पडू आणिउ वणिणा वासवेण / , धत्ता-णाणामाणिक्कइँ ढोइयई ताई णिवेण ण जोइयई। पडि लिहियह अंगई सुललियइँ परसुंदरिहे पलोइयइँ // 14 // The king on inquiry is told that she was Prithvidevi, the princess of Girinagara. महिवइ मणि मयणसरेण वणिउ सम्माणिवि पुच्छिउ तेण वणिउ / णं कामभल्लि णं कामवेल्लि णं कामहो केरी रइसुहेल्लि / ण कामजुत्ति णं कामवित्ति णं कामथति णं कामसत्ति / दीसइ कुंडलपरिफुरियकण्ण भणु एही का कहि कासु कण्ण / ता कहइ सेट्ठि सिरिसुहरसाल . हउँ वाणिजहिँ गउ सामिसाल / सायरि तरंतु णं सुरविमाणु गिरिणयरि विलग्गउ सलिलजाणु। सोरट्ठमेइणीमंडलीसु असिधाराखंडियवइरिसीसु। खैरकिरणणियरदूसहपयाउ .मइँ दिट्ठउ तहिँ सिरिवर्मेराउ / सिरिमइदेवीआलिंगियंगु णं रइट पसाहिउ सइँ अणंगु / तह तेण णरिंदें जणिय धूर्व पुहवीमहएवि अउव्वरूव / जोइवि मइँ जंपिउ महुरवयणु . चंगउ णिरु णिरुवमु णारिरयणु / जोग्गउ महु पहुह जयंधरासु . ता भणइ जणणु मइँ दिण्ण तासु / तुहुँ जाहि लएप्पिणु किं परेण / अलिएण पउत्तें उत्तरेण / घत्ता-तं णिसुणिवि मई तह सुंदरिहे पडि पडिबिंबु लिहावियउँ / आणेप्पिणु एह उ एउ° तुह अज्जु गरेसर दावियउ // 15 // 14. 1. B णीमइ. 2. C कुईए; E चुईए. 3. MSS. जिणिज्जिउ. 4. C°धम्मु. 15. 1. E णं सुहिल्लि; C सहिल्लि. 2. E कित्ति. 3. AE सर; B सूर. 4. DE °म्म. 5. BDE व. 6. c चंगउ णिरुवम वरणारिरयण. 7. C लहे. 8. DE तहिं. 9. E विउ. 10. E एह. P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust