________________ णायकुमारचरिउ [ 1.5.1 The poet accedes to the request and begins the work णाइल्लसीलभट्टाइवयणु तं आयण्णिवि णवकमलवयणु / पडिजंपइ वियसिवि पुप्फयंतु पडिवज्जमि णण्णु जि गुणमहंतु / धणु पुणु तेहो तणुव तणाउ कट्ठ धम्मेण णिबद्ध मुएवि सह। हउँ कहउँ कन्वु जिंदंतु पिसुण वण्णंतु सुयण विप्फुरियवयण / दुज्जणसज्जणहु सहाउ एहु सिहि उपहउ सीयलु होइ मेहु / भो णिसुणि णण्ण कुलकमलसूर सुरसिह रिधीर पडिवण्णसूर / जिणभणिउ अणंताणंतु गयणु तहो मज्झि परिहिउ तिविहु भुअणु / / पहिलउ मल्लयसंकासु दिट्ट ' बीयउ कुलिसोवमु रिसिहि सिट्ठ। .. तइयउ मुइंगेसण्णिहु कहति / अरहंत अरुह भणु किं रहति / .. घत्ता-तइलोक्कु कमलरुहहरिहरहिँण धरिउ ण कि उ ण णि ट्ठियउ। ___ तहिँ बहुदीवोवहिमंडियउ मज्झिमु «अणु परिट्ठयउ // 3 // 1 Description of the Magadha country. तहिँ संठिउ ससहररविपईउ पहिलारउ पविउलु जंबुदीउ। वियरंतकोलखंडियकसेरु तहो मज्झि सुदंसणु णाम मेरु / खेडामंगामपुरवरविचित्तु तहो दाहिणदिसि थिउ भरहखेत्तु / तहिँ मगहदेसु सुपसिद्ध अस्थि जहिँ कमलरेणुपिंजरिय हथि / जहिँ सुरवरतरुणंदणवणाई जहिँ पिक्क सालि धण्णई तणाई / वयसयहंसावलिमाणियाइँ जहिँ खीरसमाणइँ पाणियाई / जहिँ कामधेणुसम गोहणाई घडदुद्धइँ जेहारोहणाई। जहिँ सयलजीवकयपोसणाई . घणकणकणिसालई करिसणाई। ' जहिँ दक्खामंडवि दुहु मुयंति थलपोमोवैरि पंथिय सुयंति / जहिँ हालिणिकलरवमोहियाइँ पहि पहियइँ हरिणा इव थिया। पुंडुच्छुवणई चउदिसु चलंति जहिँ महिससिंगहय रसु गलंति। जहिँ मणहरमरगयह रियपिंछ मायंदगोंछि गोंदलिय रिंछ / घत्ता-तहिँ पुरवरु णामें रायगिहु कणयरयणकोडिहिँ घडिउ।। बलिवंड धरंतहाँ सुरवइहिं णं सुरणयीं गयणपडिउ // 6 // . Description of the city of Rajagriha. जोयइ व कमलसरलोयणेहिं . णच्चइ व पवणहल्लियवणेहिँ। ल्हिक्कइ व ललियवल्लीहरेहिँ . .उल्लसइ व बहुजिणवरहरेहिँ / 5. 1. E विहं . 2. BD महु. 3. E कहमि. 4. E भुवणु. 5. E मुयंग. 6. 1. B उद्यामगाम इति वा पाठः. 2. CE मुअंति. 3. E°यं. 4. E °सि. 5. E गोंदि; B लुंबि गोंदि इति वा पाठः. 6. D°ई. 7. E°ह. 8. D णं सुरपुरु गयणहो पडिउ. P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust