________________ 152 णायकुमारचरिउ [9.9. ४पसुपावेण होति पाउब्भड / दुक्कियफलु मुंजंति महाभड / भक्खिवि मिगजंगलु दूसिवि जिणु भकाइँ धरियउ कण्हायणु / सउयामणिहिँ मज्जु पइँ संधिउ गोसवि जणणीगमणु विचिंतिउ / जण्णपियरविहिमिसु मंडेप्पिणु तिक्खइँ कत्तियाइँ खंडेप्पिणु / आमिसरसविसेस चक्खंतें सयलजीव भक्खिय भक्खंतें / रुद्दु बंमु सव्वु वि सइँ पासिउ बंभणचारु वेयविहि विलसिउ / इंगालहो धोयहो धवलत्तणु कहिं जलेण णरदेहसुइत्तणु / घत्ता-दव्में सलिलें मट्ठिय अट्ठियपत्तणिहित्ताहारें। कह सुज्झति बराय जड मइलिय घोरें हिंसायारें // 9 // Remarks on Mimamsa and Sankhya. सुरय समिच्छइ सग्गहो गच्छइ परु मारेप्पिणु धम्महो वंछइ / हा हा वेयवाइ किं बोल्लइ . तहो आयासें फलु किं फुल्लइ / एक्कु णिचु किं तच्चु भणिजइ एकु देइ अण्णे किं लिज्जइ / एक्कु थाइ अण्णेकु वि धावइ एक मरइ अण्णेकु वि जीवइ / णिञ्चहो कहिँ लभइ बालत्तणु णवजोव्वणु पुणरवि वुड्ढ़त्तणु / णिञ्चु वत्थु परिणवइ ण भेयहिँ तसथावरपुग्गलपरिवेयहिँ / पुरिसारामु भवणु संदिट्ठउ पुरिसहो दसणु कहिँ मि ण लद्धउ / एम सुण्णु मीमंसें सिटुउ जीउ पुण्णु पाउ वि णउ दिट्ठउ / किरियाव जिउ णिम्मलु सुद्धउ / संखपुरिसु किं पयइए बद्धउ / विणु किरियर कहिँ तणुमणवयणई विणु किरिया कहिँ बहुभवगहणई। विणु किरियण कहिं बज्झइ पावें मुच्चइ किं हो एण पलावें / घत्ता-भूयई पंच पंच गुणई पंचिंदियई पंच तमत्तउ / मणुहंकारबुद्धिपसरु कहि पयईश पुरिसु संजुत्तउ // 10 // Concluding remarks on Kanada, Kapila and Sugata. जलजणहँ विरोहु ससहावें ताई थंतिं किह इक्के भावें। पवणु चवलु महि थक्क थिरत्ते हा किं झंखिउ सुरगुरुपुत्ते / भूयहँ मेलावउ कहिं वट्टइ एक्कु थाइ तहिँ एक्कु पयट्टइ। जइ जीवहो जीवत्तणु आयउ चउभूयहँ संजोएं जायउ। तो हउँ मण्णमि मुंजियभोयहो एक्कु सहाउ किं ण तेलोयहो। एक्कु सरीरु किं ण किर पहवइ किं वइतंडिउ पंडिउ विलवइ / 2. CE जणु. 3. C भट्टे. 4. E उपहायणु. 5. D सेविउ. 10.1.C सुर सम्मिच्छई. 2. C तहो आहासें फुल्ल किं फुल्लहिं. 3. E omits the following * . three feet, P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust