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________________ 138 णायकुमारचरिउ [8.-12. 1 They were five hundred daughters of King Sriraksha who was killed by his own nephew Pavanavega. The latter had imprisoned them all. उक्खायखग्गरक्खियसतेउ सिरिरक्खराउ सिरिमइसमेउ / णामेण रक्खमहरक्ख तणय बंधवपरिपालियसयणविणय / हउँ पुत्ति मणोरमणामधेय पुणु विज्जुप्पह पुणु विज्जुवेय / मंदाइणि णाइणि मयणलील पुणु पोमिणि गोमिणि सुद्धसील / सामगि मंगि सिंगारकंति देवइ रेवइ सावित्ति संति / चंदप्पह चंदिणि चंदलेह गाइत्ति सरासइ बुद्धिमेह / जयलच्छि अहिंसाएवि सोमै णवरंग रंभ रमणीयरोम / / चारित्तगुत्ति परचित्तचोरि रइ काममारि गंधारि गोरि / सोहग्गसीय सइ रयणमाल मालइ मालिणि कंदप्पकील / कोलंगि कुरंगि सुरंगि तुंगि मइ कइवयजणणि वियारभंगि / इय एवमाइ विहिपालिया तुम्हइँ पञ्चक्ख णिहालिया। , लइ पंचसयाइँ मणोहरीहिँ पिउ पुत्तिहिं पीणपओहरीहिँ। महु तायहो केरउ भाइँणेउ णामेण पसिद्धउ पवणवेउ / तेणम्हइँ एयउ मुद्धियाउ मग्गंतें तेण न लद्धियाउ / घत्ता-तें हयदाइजर्ण रक्खसविजन मारिउ जणणु भडेण सहु / घणतिमिरंधार कारागारण बंधिवि भायर वित्त महु // 12 // They had refused to marry the murderer of their father, but they offer to marry Nagakumara if he could release them, Nagakumara promises to do what he could. इच्छंतु वि दुजणु णीससंतु .. अम्हहिँ न समिच्छिउ पिउकयंतु / ते बोल्लिउ किं महु अत्थि गोहु को करइ दइच्चे सहुँ विरोहु / जइ वइरभाउ हियएण धरहु तो' वर्गु जाइवि कूवारु करहु / पुरिसें सयलाउ णिरिक्खियाउ लउडीयरेण परिरक्खियाउ / णंदिणिवाले णं णंदिणीउ अम्हइँ मारुयजवबंदिणीउ / जइ मेल्लावहि तो होसि णाहु णं तो किं लायहि देह डाहु / ता भणिउ कुमार कयदएण दुक्खु वि चंगउ सुतवें कएण। धणु खीणु वि विहलियपोसणेण मरणु वि चंगउ सण्णासणेण / . पारंभियबलिबलणिग्गहेण रणु चंगउ दीणपरिग्गहेण / संयणत्तणु सज्जणगुणगहेण .. पोरिसु सरणाइयरक्खणेण / जुज्झिज्जइ किन्नइ कजसिद्धि दिज्जइ विहलियदुत्थियहँ रिद्धि / 12.1 C उक्खाइ. 2. E कंति. 3. साम. 4. MSS राम, 5. C E कालिगि. 6. C पिय. 7. E भायणेउ. 8. E दायज्जए. 13. 1. D ता. 2. E वणि. 3. E कुवारु. 4. E मारुवजयवंदणोउ. 5. A B C E omit this line, P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust
SR No.036460
Book TitleNag Kumar Charita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadant Mahakavi
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1972
Total Pages352
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size337 MB
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