________________ 118 णायकुमारचरिउ [7.8.1 2 Complete routing of the enemy who is himself captured by Nagakumara. The latter is introduced to Arivarma as his own nephew. जं सोमंतपमुहु भडु मारिउ / खग्गकरेण वइरि हक्कारिउ / तं धाइय जयविजय भयंकर चंड चंडपज्जोयहो किंकर / ते वि अछेयाभेयहिँ रुधिवि अँप्पिय णायकुमारहो बंधिवि / सयल सुहड संगरे ओसारिवि पडिबलपहरणपसरु णिवारिवि / धरिउ कुमार सीहउरेसरु गाई विडप्पें खयदिणणेसीं / पुच्छिउ अब्भुर्यभावियमइणा अंतरपुरवइ गिरिपुरवइणा। एहु कामुँ कि हुउ णारायणु दोसइ गुणमहंतु जसभायणु / तेण पउत्तउ मइँ वि ण याणिउ अहिणउ आयउ घरे सम्माणिउ / एत्थाएं रिउफुरणु णिसुंभिउ चंगउ पाहुणएण वियंभिउ / अवरें उत्त रायसियसेविह उप्पणउ पुहईमहएविहे / घत्ता-एहु सो णायकुमारु परिरक्खियभूभायहो। भाइणेउ तुह होइ पुत्तु जयंधररायहो / / 8 / / Nagakumara marries Jayavati, his maternal uncle's daughter. तं णिसुणेवि मामु संतोसिउ जयजयसवें विजउ पघोसिउ / पणवमाणु सससुउ अवरुंडिउ रणचंडहिँ मुयेदंडहिं मंडिउ / ससुर सुंदर साहुक्कारिउ . तेण वि बद्धउ रिउसाहारिउ / बद्ध जि सोहइ पट्ट गरिंदहो बद्ध जि सोहइ दंतु गैइंदहो। कम्वणिबद्धु जि सोहइ णिवजसु बद्ध जि सोहइ जगे पारयरसु / छुडु मा णासउ खग्गालिंगण बद्ध जि सोहइ सुहडु रणंगणे / किं सोहंति ण बद्ध मउभड परताविर पडंति घणथणभड / तुह पोरिसु किर केण खलिजइ तुह जसरासि केण मइलिज्जइ / इय संबोहि वि मुक्क सुहंकर जयविजयाहिउ जायउ किंकरु / घत्ता-पुरवरे सयल पइट्ठ कयसोहावित्थारें। गुणवइ मामहो धीय परिणिय णायकुमार / / 9 / / Nagakumara's homage to the sages who attained salvation at the Urjayanta mountain. A letter-bearer arrives. णिवचउरंग णिवा इव फेडिवि थविवि तिक्खकरवालें ताडिवि / दुहु दीणहँ सुहु औरिहुँ हरेप्पिणु थिउँ गिरिणयरणिवासु करेप्पिणु / 8. 1. C सामंतु पमुहभडु. 2. D पचंडपजोयहो. 3. C रुंभेवि. 4. A B D अप्पिवि. 5. E णाय. 6. E अन्भुअ. 7. A B C E कासु. 8. E °हिं. 9. 1. E omits this foot. 2. E भुअ. 3. E गयंदहो. 4. E णियं. 5. M S S बप्प. 10. 1.C बलचउरंग. 2. C अरिहे; E अरिहि. 3. A थिरु, P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust