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________________ 72 णायकुमारचरिउ [4. 14. ११तं आयण्णिवि पडिभडणिसुंभु उम्मूलिउ तेण गइंदखंभु। . . संपत्तसुहर्ड अभिडइ सुहडु संभेडु जणिउ घणहणणणिविडु। . घत्ता-आलग्गइ वग्गइ रंगइ णिग्गइ पहरइ वारइ थंभइ। वेढिउ चउपासहिँ भडहिँ सरोसहि जयवइपुत्तु वियंभइ / / 14 // . - Vyala kills all the warriors. Nagakumara is advised by his father to leave the country in order to avoid a fratricidal war. He obeys and goes to Mathura with his retinue. दुवई--पेल्लइ दलई मैलइ उल्ललइ महाणरु घायवेवियं / कडूढइ धरइ सरइ पञ्चारइ चूरिवि हरइ जीवियं // रिकिंकराई खंभे हयाई अंगाई दिसावलि णं कया। खग्गई पडिइंडियइँ खणखणंति कुंतई भज्जतई कसमसंति / अंतई णिग्गंतई चलचलंति लोहियइँ झरंतई सलसलंति / चम्मइँ लंबतई ललललंति / हेडुइँ मोडतई कडयडंति / रुंडई धावंत. दडयडंति मुंडई णिवडंतइँ हुंकरंति। डाइणिवेयोलई किलकिलंति / इय रिउकिंकर हय सयल जाम णीसरियउ णायकुमार ताम। संजायउ कोलाहलु गहीरु रणु जित्तउ पणविउ पहुह वीरु। जा रूसिवि वइरिह उवरि चलिउँ ता मंति णयंधरु तहिँ जि मिलिउ। ते भणिउ कामु तुह कहहि तार महिमंडलि होसहि तुहुँ जि राउ / कुलकलहें कहिं णीसरिवि जाहि हक्कारिउ पुणरवि कहिमि एहि / ता कुमरे रक्खिय गुरुहुँ छाय आवंति णिवारिय णिययमाय। घत्ता-सहुँ तेण सवालें भिच्चे वाले सहुँ सेण्णे रंजियसुरे। जाइवि थिट वम्महु परणरदुम्महु पुप्फयंतु महुराउरे // 15 // ' इय णायकुमारचारुचरिए णण्णणामंकिए महाकइपुप्फयंतविरइए महाकव्वे वालवीरलंमो णाम चउत्थो परिच्छेउ समत्तो / संक्षिा . . . यंद. 6. A सुहड. 7. E दाणहण. 8. CE रुंभइ. लिइ. 2. B मिलइ. 3. CE पडिखलियइं. ति. 5. E कंडई. 6. ABE वेतालई. 7. E चडिउ, 8. E भणिउ. 9. C पुणु. IA P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust
SR No.036460
Book TitleNag Kumar Charita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadant Mahakavi
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1972
Total Pages352
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size337 MB
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