________________ ट्रा सान्वब भाषांतर // 14 // केशरी ||3|जीवतो जवानो नथी एम कही धमकाव्यो. // 41 // इति भाषिणि भूपाले तद्भालं प्रति कालवित् / पादुकाद्वयमेवायमस्त्रीकृत्य क्रुधामुचत् // 42 // ___ अन्वयः-इति भूपाले भाषिणि, कालवित् अयं पादुका द्वयं एव अस्वीकृत्य तद्भालंपति क्रुधा अमुचत् // 42 // // 14 // अर्थः-एरीते राजाए कह्याथी अवसर जाणनारा ते चोरे ते चन्ने पावडीओनेज शस्त्ररूप करीने ते राजाना ललाटपते क्रोधथी फेंकी. तद्घातवञ्चनव्यये महीभुजि महाभुजः / अयं जीवन्त्रजामीति वदन्नेवैष निर्ययो / 43 // __अन्वयः-महीभुजि तद् घात वंचन व्यग्रे महाभुजः अयं एषः, जीवन् बजामि इति वदन् एव नियो. // 43 // .. अर्थ:-राजा ते महारथी बचवामां व्याकुल थये छते ते महान् बाहुबलवाळो चोर " आ हुँ जीवतो चाल्यो जाउं छु" एम पोलतोयकोज (त्यांथी) निकळी गयो. // 43 // यात्यसौ केशरी चौर इति भूपगिरा भटाः। तमाशु दूरे नश्यन्तमन्वधावन्नृपाज्ञया // 44 // * अन्वयः-असौ केशरी चौरः याति, इति भूप गिरा भटार नृप आज्ञया, दूरे नश्यतं तं आशु अन्वधावन्. / / 44 // अर्थ:-आ केशरी चोर नाशी जाय छे, एवां राजाना वचनथी सुभटो ते राजानी आज्ञाथी दूर नाशता एवा ते चोरनी पाछळ | तुरत दोड्या. // 44 // 545 P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhat Trust