________________ ग PPA, Gunratnasuti M.S वखते राजाए कह्यु के, " वचे वोलवू योग्य नथी, तोपण पूछु छु. कारण के,म्हारा हृदयमां आश्चर्य मातुं नथी." // 22 // आ सत्तर पुत्रो ज्यां सुधी जिनेश्वरने नथी नमस्कार करता, त्यां सुधी ते ओ घणुं करीने स्तनपान पण निश्चे नथी करता." // 23 // मुनिये कह्यु. हे महाराज ! सांभल. एओना पूर्व जन्मनुं सर्व वृत्तांत त्हारी आगल कहुं छु. // 24 // आज हस्तिनापुरमां धनदत्त नामनो कोई धनवंत शेठ रहेतो हतो, ते शेठे माणसोने जोवा योग्य एक प्रासाद कराव्यो हतो. // 25 // ते धनद चने चार स्त्रीयोथी सत्तर पुत्रो थया हता. त जातिस्म सुताः सप्तदशाप्यते, जिनं यौवनमंतिन // स्तन्यपानमपि प्रॉयस्तावत् कुर्वति न धुवम्॥ - मुनिः प्रोचे महाराज, श्रूयतां पूर्वजन्मजम् // एतेषां सँफलं वृतं, कैथ्यते नवतां पुरः॥श्व र अत्रैवं हस्तिनापुरे, धनदत्तोऽनवानी // प्रासादः कारितो येन, जनानां नेत्रगोचरः // 25 // * | सुताः सप्तदशावंस्तस्य नार्याचतुष्टयात् // एतद्विातपूर्व ते', जातिस्मरणयोगतः // 6 // नमित्युक्ते नृपेणैष,मुंनिः प्रोचे ततः शणु ॥प्रेमादमदिरामत्ता, जातास्ते" तस्य नंदनाः॥४॥ यंत्र तंत्र मंतस्ते, लोलया वक्रचंक्रमाः // अन्येद्य देवरमणे प्रेयाताः'कीमितुं वने // 20 // गीतं नृत्यं स्मित वाप्यां,स्नानमंदोलन इष॥ कुर्वाणाः स्वेच्या तंत्र, प्रदेशे देदैशुर्मुनि // 3 // पारयित्वा मुनिः कायोत्सर्ग लान्नं विदन जंगौ॥आगम्यतां महानागा,"हितं किंचिनिगद्यते रण योगी आ सघलुं वृत्तांत प्रथमथीज जाणेलुं छे." // 26 // राजाए "हा ते 9 जाणुं छु." एम कर्दा एटले मुनिये कयुं के, सांभल. " धनदत्तना ते सघला पुत्रो प्रमाद मदिराथी मदोन्मत्त थया हता. // 27 // लोलाथी वक्र गतियाला ते पुत्रो ज्या त्यां भमता कोई वखते देवरमण उद्यानमां क्रीडा करवा माटे गया. 28 // ते उद्यानमा पोतानी ईच्छा प्रमाणे गीत, नाच, हास्य, वाव्यमां ना अने झाड उपर हिंचका खावा इत्यादि * क्रीडा करता ते भोए कोई मुनिने दीटा. // 29 // पळी मनिये कायोत्सर्ग पारीने लाभ जाणता छतां का. "हे राणा XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX Jun Gun Aaradhak Trust /m ..Hici प