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________________ गुण चरित्र D.Gunratnasun MS. जलथी अने श्रेष्ट कपूर तेमज मेरु पर्वत उपरना नंदनवनमा रहेला कल्पवृक्षना पुष्पोथी दीर्घकाल सुधी करी. // 164 // ए काव्यना अनुसारे राजाए जिनपूजन करयु. तेवी रीते सर्व बाजा माणसोए पण जिनपूजन करयुं. कारणके, जेवी रीते राजा करे तेवी रीते प्रजा पण करे छे. / / 165 // मंत्रीये रंगथी रंगमंडपमां बेठेला राजाने कडं " हे नाथ! तमने अकस्मात् मूर्छा अने चेतना शी रीते थई?" // 166 // वली आ काव्य क्याथी ! तेपज आ रीत पण क्याथी मान्य करी? हे प्रभु! तमे ते मर्व मने कहो. कारण मने आ वातमां आश्चर्य थायछे. 167 / ऐतत्काव्यानुसारेण, नृपश्चक्रे जिनार्चनम् // तथा परिजनः सर्वो, यथा राजा तथा प्रेजा१६५ मंत्री प्राह नृपं रंगानिविष्टं रंगमंडपे // अकस्मानाय ते मूळ, चेतैना चौन्नवत्कथम् 166 कुतश्चैतानि काव्यानि, कुंतो 'रीतिरियं मता // सर्वमेतत्प्रनो ब्रूहि, कौतुकं मम वर्तते // पःप्रोचे ऽर्हति दृष्टे, जातिस्मृतिरंनृन्मम // सर्वः पुर्वनवो दृष्टः, स्पष्ट ऐष निशम्यताम् // अत्रैवाँसीजपुरे, पुरा'श्रेष्टी धैनावहः ॥र्धनदत्तान्निधस्तस्य, सुतस्तारुण्याश्रितः // 16 // वधूश्चतस्त्रस्तस्यासन, रूपलावण्यसंयुताःतुर्या तुं चारुचातुर्या, रत्नमालान्निधान्नवत्॥१७॥ अन्यदानि'शि निक्षणा,शिवायाः फेत्कृतानि सौ॥श्रुत्वा जाँतिस्मृतेःप्रातःवर्धेसविनयं जंगौ // प्रेत्यासने गिरौं पूर्वन्नवस्य नगिनी मम॥ शिवास्ति सुषुवे पुत्रद्वयमद्य तयाँ निशि // 17 // राजाए कयु. " अरिहंत प्रभुना दर्शन थये छते मने जातिस्परण ज्ञान थयुं छे; तेथी में म्हारो सर्व पूर्वभव स्पष्ट दीठो छे. ते म्हारो पूर्वभव तुं सांभल. // 168 // पूर्वे आज हस्तिनापुरमा धनावह नामनो शेठ रहेतो हतो, तेने युवावस्थावालो धनदत्त नामनो पुत्र हतो // 169 // ते धनदत्तने रूप अने लावण्यवाली चार स्त्रीयो हती; परंतु तेमां चोथी मनोहर चातुर्यवाली रत्नमाला नामनी हती. // 170 // एक दिवस रात्रीये उघी गयेली ते रत्नमालाये शियालना शब्दो सांभळीने सवारे जातिस्मरण ज्ञानथी पोतानी सामुने विनयपूर्वक कहेवा लागी.॥१७१॥ "आ पासे रहेला पर्वत उपर पूर्वभवनी म्हारी व्हेन शियाल रहे छे, तेणे आजे रात्रीये बे पुत्रोने जन्म आप्यो Jun Gun Aaradhak Trust
SR No.036439
Book TitleGunvarma Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Hathishang
PublisherMaganlal Hathishang
Publication Year1902
Total Pages242
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size300 MB
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