________________ PPA Gunratsuti MS कमलोथी तेम चंपा अने पाटलादिकथी प्रभुनी चंदनथी पण वखाणवा योग्य शोभाने करता एवा इंद्रे सातमी पूजा करी. // 150 // बहु भक्तिवंत एवा इंद्रे तत्काल कपूरनी रज धोइने जिनगजना मुखने विषे झट चूर्ण मूकीन इच्छितना कारण रूप आठमो पूजा करी. // 151 // इंद्रे, इंद्राणीये पहेरावेला मुकुटने नीचे मूकबापूर्वक ते जिनमंदिरने प्रदक्षिणा करी कीर्तिनी पेठे म्होटी ध्वजा चडाबीने नवमी पूजा करी. // 152 // इंद्रे मोतीना दंनोलिपाणिः परिमृज्य सद्यः, कर्पूरफालीबहुलक्तिशाली // चूर्णं मुखे न्यस्य जिनस्य तूर्णं, चक्रेऽष्टमं पूजनमिष्टहेतुम् // 151 // फूलोमजामौलिनिवेशनेन, प्रदक्षिणोकृत्य जिनालयं तम् // महाध्वजं 'कोर्तिमिव प्रतत्य, पूजामकार्षीनवमी विडोजोः // 15 // मुक्तावलीकुंडलबाहुरककोटीरमुख्यानरणावलीनाम् // प्रनोर्यास्थाननिवेशनेन, पूजामकार्षीदशमी बिडोजाः // 153 // पुष्पावलोनिः परितो विर्तत्य, पुरंदरः पुष्पगृहं मनोझम् // पुष्पायुधाजेयजयेति जब्पन्नेकादशीमांतनुतेस्म पूजाम् // 15 // कराग्रमुक्तैः किल पंचवरग्रंथपुष्पैः प्रकरं पुरोऽस्य // प्रपंचयन वंचितकामशक्तः, से द्वादशीमांतनुतेस्म पूजाम् // 155 // हार, कुंडल, बाजुबंध अने मुकुट विगेरे आभूषणोना समूहने योग्यस्थानके चडावीने पूजानी दशमी पूजा करी // 153 // इंद्रे पुष्पोना हारोथी चारे तरफ मनोहर पुष्पमंदिर बनाबीने “कामदेवथी नहि जितायेला प्रभुनो जय था." एम कहेता छतां अग्यारमी पूजा करी. // 154 // ते इंद्रे ए प्रभुनी आगल हाथथी मूकेला पांचवर्णनां डीटारहित पुष्पोथी ढगलो करीने कामदेवनी शक्तिनो तिरस्कार करनारा प्रभुनी पारमी Jun Gun Aaradhak Trust