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________________ चरित्र. PPA Gunnasuti MS गुण दोहद पूर्ण न थवाथी यशोमती देवी मृत्यु पामशे अने ते मृत्यु पाम्या पछी गर्भ पण नाश पामशे.॥२७७॥ पछी निरंतर दुःखथी पीडा पामता चित्तवाला राजानुं पण मृत्यु थशे. जो आ प्रमाणे सर्व खोटुं थयुं तो पछी // 9 // तुं कन्याने शुं करीश. // 278 // ततो विमृश्यतां पुत्रीमस्मै देहि छिजन्मने // राजापि प्रीणितस्तुन्यं, दास्यते बहुमान्यताम् ततः सोवाच यत्कार्य, कथ्यते समये मया।स्वामिना तध्धिातव्यमिति मे प्रतिपद्यताम् // माटे विचार करो अने ए ब्राह्मणने पुत्री आपो, जेथी प्रसन्न थयेला राजा पण तमने वहु मान आपशे." // 279 // पछी विज्या राणीये कह्यु. “हुँ अवसरे जे काम कहुं ते राजाए करवू, एम म्हारी पासे कबुल करो." तेन प्रपन्ने तद्दत्ता, श्यामा श्यामाननान्नवत् // तामालोक्य नृपो दध्यावितो व्याघ्र इतस्तटी सदाकारा सलावण्या, नेत्रनिर्जितपंकजा // सेयं चंद्रमुखी कन्या, कथं तस्मै प्रदीयते 282 राजाए ते कबुल करयुं ऐंटले विज्याये पुत्री आपवानुं कबुल करयुं, जेथी श्यामा श्याम मुखवाली थइ. पछी ते पुत्रीने जोइ राजा विचार करवा लाग्यो के, "म्हारे आ बाजु वाघ अने आ बाजु नदी एम वन्यु जे. // 281 // उत्तम आकृतीवाली, लावण्यवाली अने कमलथी पण अधिक शोभावंत नेत्रवाली जे आ चंद्रना सरखा मुखवाली कन्या ते कुरूपवाला ब्राह्मणने केम अपाय ? / / 282 // कल्पवल्ली कथं देया, करन्नाय सुकोमला // करीर एव तद्योग्यः,कर्कशः कंटकीतनुः॥२८३॥ * तथाप्यहं कथं कुर्वे, प्रियागर्नोस्ति नाग्यवान् // विप्रोऽपि नाग्यवानस्ति, दोहदेनामुना ध्रुवम्॥ ...' सुकोमल एवी कल्पवेल उंटने केम अपाय? अरे! कठोर अने कांटायुक्त शरीरवालो केरडोज ते उंटने योग्य होय छे.तथापि हं शंकरं ! प्रियानो गर्भज भाग्यवान् छे.वली आ दोहदथी निश्चे ब्राह्मण पण भाग्यवंतज छे. र ततो झ्यस्य रक्षार्थ, श्यामिका दीयते मया // अपत्यान्यपि दोयतेऽतराले ज्वलितेऽनले // * न पुत्री पितृपुण्या स्यादात्मपुण्यैव सा नवेत् // तत्का चिंतेत्यसौ ध्यात्वा, धरानाथःसन्नां ययौ Jun Gun Auch Trust // 9 // Spearswerpoi
SR No.036439
Book TitleGunvarma Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Hathishang
PublisherMaganlal Hathishang
Publication Year1902
Total Pages242
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size300 MB
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