________________ PPA Guntatasun MS XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX जे कबुल करेलु छे ते सर्व एने आप, पडशे. // 269 // महाराज ! आप ब्राह्मणने अर्धं राज्य आपवामां विः लंब नहि करो; परंतु कन्या क्याथो आपको ? कारण ते राणीने कन्या नथी." // 270 // / * सचिंते राझि कोऽप्युचे,राझी ते विजयास्ति या॥ श्यामा नाम्नी सुता तस्याः,सैव तस्मै प्रदीयते मंत्री प्रोचे त्वया रम्यमुक्तं सा चेन दास्यति / ततःकोऽपि बलात्कारो, नविता किं तया सह ____ पछी राजा विचार करवा लाग्यो एटले कोइये कयुं के, " तमारे जे विज्या नामनी राणीछे, तेने श्यामा नामनी पुत्री छे, ते आ ब्राह्मणने आपवी." // 271 // मंत्रीये कह्यु. " तें सारं कह्यु; परंतु जो ते नहि आपेतो तेनी साथे | कांइ पण बलात्कार थशे ?" // 27 // ततो राजा स्वयं गत्वा, तामाचख्यौ विचक्षणः॥ प्रदीयलां निजा पुत्री, तस्मै विप्राय वल्लन्ने सारुष्यंती नृपं प्रोचे, वरं कूपे जलेऽनले // वरं व्याघ्रमुख पुत्रीं, दिपे नास्मै ददे पुनः 14 पछी विचक्षण एवो राजा पोते जइने ते विज्या राणीने कहेवा लाग्यो के, " तुं त्हारी पुत्री ते वल्लभ विप्रने आपः // 273 // विज्याए क्रोध पामीने कयु के, “पुत्री कुवामां, पाणीमां, अग्निमां नाखीश ए. सारं, वली वाघना मुख आगल नाखीश ते सारु, पण ते ब्राह्मणने नहि आपुं. // 274 // सचिवास्तां प्रतिप्राहुराज्ञा राझो विधियते // अन्नीष्टान्यप्यन्यानि, स्वात्मतो वल्लनानि न // त्यजेदेकं कुलस्यार्थे, ग्रामस्यार्थे कुल त्यजेत् // ग्रामं जनपदस्यार्थे, स्वात्मार्थे पृथिवी त्यजेत् // पछी प्रधानोए विज्या राणीने कयुं के, तमारे राजानी आज्ञा प्रमाण करवी जोइये. कारण के, बहु इष्ट र पवी पण बीजी वस्तओ पोताना आत्माथी वहाली नथी. का छे के:-कलने अर्थे एकने त्यजी देवो गाने अर्थे कुलने त्यजी देवू, देशने अर्थे गामने त्यजी देवु अने पोताना आत्माने अर्थे तो पृथ्वीने पण त्यजी देवी. अपूर्णे दोहदे देवी, मृत्युं याति यशोमती // तस्यां मृतायां गर्नश्च, निश्चितं स विनश्यति / ततः परं नृपस्यापि, नित्यं सुखार्तचेतसः॥ अरम्यं नावी चेत्तर्हि, कन्यायाः किं करिष्यसि Jun Gun Aaradha Trust