________________ Gunratnasuti MS as पछी " हारो पति अमारो पण पति थाओ." एम रत्नावलीने ते त्रण कन्याओए कडं एटले ते वात सांभलीने राजाए का.॥९३ // नहिं आपेली कन्या द्वेष करे छे, तो ए अन्याय करवो योग्य नथी; माटे माता पितोये आपली ए कन्याओने हुँ निश्चे परणीश." // ए४॥ पछी विद्याधरपतिये क्षणमात्रमा ते कन्याओने पोत पो ताने स्थानके पोचाडो. गणवर्मा राजा पण प्रियासहित जिनेश्वरने प्रणाम करीने पोताना नगर प्रत्ये गयो.९५ / विद्याधरपति पोताना नगरमां गये छते. पण राजाना म्होटा उपकारने संभारवा लाग्यो. गुणवर्मा राजाये पण / अस्माकमपि कांतोऽस्त, लत्पतिस्तासु तामिति // कॉमस्वरं वदंतीषु, झौतवृत्तोऽवदन्नृपःए / अदत्ता उह्यते केन्या, ह्यन्यायोऽसौ न युज्यते / पितृमातृप्रदत्तास्तत्परिणेष्याम्यमधुर्वम् ए खेटेन निधि रेकन्याः,स्वस्वस्थानं ततः दणात्॥जिनं प्रणम्य नूपोऽपि,सप्रियःस्वपुरं ययौ / * महोपकारं स्मरति, प्रयाते स्वपरं खगे॥ पट्टदेवी केता रत्नावली राझा प्रमोदतः॥ ए६ // स्थेनोवेदितो तोऽन्यदा नूपं व्यजिज्ञपत्॥राजन् कलिंगदेशोऽस्ति ,लशलेशविवर्जितः॥ . तंत्र हेमपुरं नाम, पुरं नाममनोहरम् // राजा हेमांगदः पोति, हेमाहिरिवं धैर्यनः // हेमचूला प्रिया तस्य, सत्प्रास्यगुणक्रिया // तत्कुकिसरसि हंसी, कन्यास्ति कनकावली ॥ए। सा तारुण्ये प्रदत्तासीझे समरकेतवे // केनापि हेतुंना तस्या, विवाहो नौनवत्पुनः // 10 // 2 हपथी रत्नावलोने पट्टराणी बनावी. // 6 // एक दिवस द्वारपाले राजाने खवर आपीने सभामां वोलावेला कोइ दूत गुणवर्मा राजाने का के. हे राजन! जेमां जरा पण क्लेश नथी एवो कलिंग नामनो देश छे. // 97 // ते देशमां मनोहर नामवाला हेमपुर नामना नगर प्रत्ये हेमालय पर्वतना सरखो धैर्यवंत हेमांगद ना मनो राजा राज्य करे छे. // 9 // ते हेयांगद राजाने सत्पुरुषोने वखाणवा योग्य छे गुणक्रिया जेनी एवो हेमचूला नामनी स्त्रीने, ते स्त्रीना उदररूप तलावने विषे उत्पन्न थयेली कनकावली नामनी पुत्री छे. // 99 // ते पुत्री युवावस्थामां आव्ये छते तेनो संबंध समरकेतु राजानी साथे करयो हतो, परंतु कोइ पण कारणथो तेनुं // 7 // Jun Gun Aaradhak Trust