________________ KK PPA Gunratnasut MS "श्री काहित्य सुबुझिसचिवस्तस्य, बुधीहंसीसरोवरम् // हंसी नाम्ना प्रिया तस्य, प्रशस्यगुणशालिनी // ते राजाने बुद्धीरूप हंसीने रहेबाना सरोवररूप सुबुद्धी नामनो प्रधान हतो अने ते प्रधानने उत्तम गुणीथो सुशोभित एवी हंसी नामनी स्त्री हती. // 6 // श्रीदत्तो धनदत्तस्य, सुतस्तत्कुदिमागतः // समये स तयासूतः, पिता चके महोत्सवम्॥६॥ अस्य प्रायः सुगंधोऽस्ति, कायः कमलवत्किल // गंधराज इति प्रीत्या, तस्य नाम ददौ पिता // ___हवे धनदत्तनो पुत्र श्रीदत्त ते हंसीना उदरने विषे आव्यो. अवसरे ते हंसीये पुत्रने जन्म आप्यो एटले. en पिताए जन्ममहोत्मव करयो. // 69 / / " घणुं करीने आ पुत्रनुं शरीर कमलनी पेठे निश्चे सुंगंधीवालुं में WALA एम धारी पिताए तेनुं "गंधराज" एबुं प्रीतिथी नाम पाडयु. // 70 // कलाकलापकोशल्यशालो शालीनमानसः // लसल्लावण्यलीलावांस्तारं तारुण्य माप सूः।। 31 अन्येयुः सहितो मित्रैः किमार्थं स ययौ वनम् // सयौवनं नरं लीलातरुं वल्लीव वेष्टयेत् ____ कलाना समूहना जाणपणाथी सुशोभित, सुंदर मनवाळो, लचकता लावण्यनी लीलावालो ते गंधराज उत्तम एवी युवावस्था पाम्यो. // 71 // कोइ वखते वेलोथी विंटलायला वृक्षनी पेठे ते राजकुमार मित्रोथी विंटलायलो छतो क्रिडा करवा माटे वनमां गयो. // 72 // तले तरोरशोकस्य, वीक्ष्य च प्रीतिकारकम्॥ मुनि नत्वा निविष्टोऽसौ, पुरतस्तस्य नक्तिनाक्॥ प्रनो वयसि तारुण्ये, कुतः संयममग्रहोः // इत्युक्ते गंधराजेन, मुनिः प्रोचे निशम्यताम // ___ अशोकवृक्षनी नीचे प्रीतिकारी मनिने जोइ अने तेमने वंदना करी भक्तिवंत एवो गंधराज तेमनी आगळ बेठो. // 73 // " हे प्रभु ! तमे युवान अवस्थामां चाग्त्रि केम लीधुं ?" एम गंधराजे पुछयु एटले मुनिये कडं सांभळ. |74|| XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX Jun Gun Aaradhak Trust