________________ P.P.A. Gunratnasuti MS थी होय ? // 21 // मुनिये कह्यु. " दारा माथा उपर शुं छे ? " सोमाए कह्यु " डांगरना चोखा छे. " मुनिas ये फरी कह्यु के, जो तुं ते जिनेश्वरनी आगल मके तो तेथी तने पुण्य थाय. " // 22 // | साकतान् ढौकयामास, जिनं नत्वा मुनेगिरा // नानाम्यहम्मकृत्वेदमित्यन्निग्रहमग्रहोत्॥३॥ * वर्षाकाले महामेघे, नशंवर्षति नूतले // नोजनं न तयाकारि, ह्यकृत्वाक्षतपूजनम् // 5 // ___ पछी सोमाए चोखा मूक्या अने जिनेश्वरने नमस्कार करीने मुनिनां वचनधी " हुँ आ प्रमाणे करथा विना भोजन करीश नहि." एवो अभिग्रह लोधो. // 23 // कोइ वखते चोमासानां पृथ्वी उपर महामेघ बरसवा लाग्यो, जेथी ते सोमाए अक्षत चोखाथी जिनराजनुं पूजन करया विना भोजन करयुं नहि. // 24 // दिनत्रयं महावृष्टिं, कारंकारं घने स्थिते // कृतोपवासत्रितया, प्रासादं प्रति साचलत् // 25 // * अंतरा उस्तरानयां, प्राप्ते पूरेऽपि साविशत् // स्तोकं जलमिति ज्ञात्वा, पयसा च प्रवाहिता - त्रण दिवस सुधी महावृष्टि करतो एवो मेघ रह्यो एटले जेने त्रण उपवास थया छे एवी ते सोमा जिनराजना मंदिर तरफ चाली. // 25 // रस्तामा दुस्वरनदीमा पूर आव्युं हतुं तोपण ते मापा "थोडं पाणी छे." एम जाणी तेमां पेठी अने पाणीना प्रवाहमा तणाइ. // 26 // अहतान् ढोकयाम्येषा, जिनाग्रेऽहं कथंचन // चिंतयंतीति सा मृत्वाधुना तव सुतानवत् 27 एतस्याःसमये नर्ता, मृत्वा सोऽयं शुकोऽन्नवत्॥अन्योन्यमनयोः स्नेहस्तेनायं दृश्यतेऽधिकः ए सोमा " हूं जिनेश्वरनी आगळ आ चोखाने शी रीते मूकुं." एम चितवन करती उती ते मृत्यु पामीने हवणां तारी पुत्री थई छे. // 27 // पछी अवमरे ए सोमानो पति ते स्यामाक कणवी पण मृत्य पामोने पोपट थयो छे. ए कारणथी आ बन्नेनो परस्पर आवो अधिक स्नेह देखाय छे. // 28 // जिनस्यादतपूजातः, सेयं तव सुतान्नवत् // तिर्यक्योनौ पुनर्जझे, तना पुण्यवर्जितःrum इति श्रुत्वा तयोर्जाता, जातिस्मृतिरय दणात् // अपुण्यकारिणं स्वं च, स निनिंद शुकस्तदा // KXXXXXXXXXXXXXXXXX Jun Gun Aaradhak Trust