________________ गुण ME PPA, Gunratnasuti MS श्रीदेवीवल्लन्ना, तस्य, शीलशृंगारशालिनी // मतिसारानिधो मंत्री, मनोज्ञमतिवैनवः 261 चरित्र तस्य सत्यवती कांता, कांतन्नक्तिमनोहरा // हेमवर्णकजीवोऽय, तस्याः कुहिं समागतः // ते राजाने शोलरूप शरगारथी सुशोभित श्री देवी नामनी स्त्री हती अने मनोहर वुद्धिना वैभव रूप मतिसार नामनो मंत्री हतो. // 261 // ते मंत्रीने पतिनी भक्तिथी मनोहर एवी सत्यवतो नामनो स्त्रो हतो. पछी हेमवर्णकनो जीव ते सत्यवतोना उदरने विषे आव्यो. // 262 // तदा च नृपतिः प्रोचे, सचिवं सुचिवाक् पटुः // तोल्यः पट्टगजेंशेऽयं, नारोऽस्य ज्ञायते यथा // कुशदेशममुं ज्ञात्वा, मंत्री मंदिरमागतः // अत्यंतं तं सचिंतं च, दृष्ट्वा सत्यवती जगौ 264 ते वखते पवित्र वाणीवाला अने चतुर एवा राजाए प्रधानने कह्यु के, " आ पट्टहस्तिने तोलवो के, जेथी एनो भार जाणी शकाय" // 263 // आ तुच्छ हुकम जाणी मंत्री पोताना घेर आव्यो अने त्यां तेने अत्यंत चिंतातुर जोइ सत्यवतीये कह्यु. // 264 // हेतुना केन मालिन्यमाननं तव दृश्यते // राजादेशेऽमुना प्रोक्ते, सा स्मित्वोचे न करम् // सरिति स्थाप्यते क्वापि,नौका निश्चिइतान्विता // यावती सास्वन्नारेण, जलमध्ये निमज्जति // “शा कारणथी तमारुं मुख चिंतावालुं देखाय छे ?" मंत्रोए राजानो हुकम कही संभलाव्यो एटले ते स- त्रि त्यवतीये हसीने कह्यु के, " ए दुष्कर नथी." // 265 // कोइपण नदीमां छिद्र विनानी नाव मूकवी. ते नाव पोताना भारथी पाणीमां जेटली बूडो जाय. // 226 // तावंती रेखया युक्ता, कृत्वात्रारोप्यते गजः॥ यावतो तस्य नारेण, नीरं मजति सा ततः५६७ तावंती रेखयित्वा तां, तत नत्तार्यते गजः॥ आगजारोपरेखं सा, वस्तुन्निभ्रियते तरी // 26 // तेटली ते रेखाथी युक्त करी तेमां हाथी चडाववो. पछी ते हाथीना भारथी पाणीमां जेटली ते बूडी जाय. // 267 // तेटली ते नावने रेखावाली करीने पछी हाथीने उतारी लेवो. पछी ते नाव हाथी चडावता जेटली रेखा सुधी बूढी गइ हती त्यां सुधो बूडी जाय एटली वस्तु वडे भरवी. // 268 // . Jun Gun Aaradhak Trust