________________ द्विपृष्ट / सान्वय भाषांतर चरित्रं // 39 // / / 39 // Connornano अर्थः-पछी जयलक्ष्मीने बलात्कारे खेंची लावनारा सिद्ध मंत्राक्षरोसरखा धनुपना टंकारनादोथी (पोतानां ) सैन्योने स्थिर | करतो थको ते प्रतिवासुदेव वासुदेवनी सामे गयो. // 30 // क्रुद्धौ दृग्युद्धवाग्युद्धपूर्वं सर्वायुधैः क्रमात् / परस्परेण संरब्धो प्रारब्धो यो द्रुमेव तौ // 31 // अन्वयः क्रुदौ संरब्धौ तौ दृग्युद्ध वाग्युद्ध पूर्व, क्रमात् स आयुधैः परस्परेण योधुं एव पारयोः // 31 // अर्थ.-पछी क्रोध पामीने तैयार थयेला एवा तेओ वने दृष्टियुद, तथा वचनयुद्धपूर्वक अनुक्रने सर्व शस्त्रोथी परस्पर युद्धज करवा लाग्या. // 31 // शिलीमुखा मिथश्छिन्नाः क्षोणीगतमुखास्तयोः / कबन्धैरिव पश्चाननृतुर्युद्धमूर्धनि // 32 // ___ अन्वयः-मिथः छिन्नाः, क्षोणी गत मुखाः तयोः शिलीमुखाः कांधैः इव पश्चाधैः युद्ध मूर्धनि ननृतुः // 32 // अर्थः-परस्पर कपाइ गयेलां, तथा जमीनमा खंची गयेलां मुखोवाळां, तेओ वन्नेनां वाणो कवंधोनी पेठे (वहार रहेला) उपरना अर्ध भागोवडे युद्धना मस्तकपर (संग्रामना मेदानमां) नाचवा लाग्यां. // 32 // छिन्नमध्या अपि शरा बहुवेगबलोद्धताः / तयोर्लक्ष्यं ययुः केऽपि कोपना इव पन्नगाः // 33 // __ अन्वयः-छिन्न मध्याः अपि तयोः के अपि शराः, बहु वेगवल उद्धताः, कोपनाः पन्नगाः इव लक्ष्यं ययुः. // 33 // अर्थः-छेदाइ गया छे मध्य भागो जेना, एवां पण तेओनां केटलांक वाणो, अति वेगथी उछळताथका क्रोध पामेला सोनी पेठे NAGARCANAGAR P.P.AC.Gurramasur M.S. Jun Gun Annada Trust