________________ 532 धम्मि निधा तस्या-ऽनवचंद्रानना प्रिया // यपवीदाणायेव / दधुर्देव्योऽनिमेषतां // 65 // तस्याः पं. म चाननस्वाम-सूचितातविक्रमः // बच्व गुणवर्मेति / कुमारः सुकुमारगीः // 66 / / उद्यतो जास्क -रस्येव / प्रजा यस्य शिशोरपि // विसारिवैरिध्वांतस्यो-शासनाशमुपाविशत् / / 67 // उवास सहवासस्य / लोगादिव यदंगके // संकीर्णेऽपि शिशुत्वेन / निखिलं गुणमंमलं // 6 // स पित्रा पारितो यत्ना-दुपाध्यायस्य संनिधौ // विद्याविहंगविश्राम-विटपी समजायत // 6 // // समं स वामाटेज जाणे होय नहि तेम देवीन अनिमेषपणाने धारण करती हती. // 65 // तेणीने सिं. हना खपथी अद्भुत पराक्रम सूचवनारो अने कोमल वाणीवाळो गुणवर्मा नामे कुमार हतो.॥ // 66 / / जगता सूर्यनीपेठे ते बाळकनी कांति विस्तार पामता वैरीनरूपी अंधकारना जल्लासनो नाश करवा लागी. // 67 // तेनी साथे रहेवाना लोगयीज होय नहि जाणे तेम तेना बाट्यपपाथी नाना शरीरमां पण सघळो गुणोनो समूह रहेवा लाग्यो. // 60 // पिताए नपाध्यायपासे यत्नपूर्वक नणावेलो एवो ते गुणवर्मा कुमार विद्यारूपी पदीने विश्राम लेवामाटे वृक्षासरखो थ. यो. // 65 // गुणोना समुद्रसरखा मंत्रिपुत्रनी साथे सर्व कलानो हमेशां अभ्यास करतो ते P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust