________________ धम्मि- / येते दुःखं वितन्वते // विषयेषु न विश्वासः / कार्यस्तेषु खनेष्विव / / 61 // विषयानरकाध्वन्य- / ध्वन्यप्रायानपास्य ये // नपासते सदा धर्म / ते धन्या गुणवर्मवत् // 6 // तयाहि - ध्रुवमानवरत्नाई-सुवर्णस्थितिसुंदरं // हास्ति हस्तिनापुरं / कुरुमंडलममनं // 63 // दृढधर्मा२३१ | ख्यया ख्यात-स्तत्रासुधाधवः // यस्य खमलता वर्ग-पद्येव विहिषां // 64 // चरितार्था शा करवासर . / / 60 // जे प्रथम मीगश देखाडीने आवटे दुःख आपे , एवा ते खलसरखा विषयोमा विश्वास करवो नहि. // 61 // नरकना मार्गमां वटेमार्गुसरखा विषयोने तजीने जेन हमेशां धर्मनी उपासना करे , तेनने गुणवर्मनीपेठे धन्य . / / 62 // ते गुणवर्मन न. दाहरण नीचेमुजब - निश्चळ मनुष्यजन्मरूपी रत्नने योग्य एवा सुवर्ण एटले नत्तम वर्णना लोकोनी स्थितिथी सुंदर थये अने कुरु देशने शोजावनाएं हस्तिनापुर नामे नगर . // 63 // ते नगरमां दृढध. म नामनो प्रख्यात राजा हतो, के जेनी तलवार शत्रु ने स्वर्गरूपी किल्लापर चमवाने पगथीयां | सरखी हती. / / 64 // तेने सार्थक नामवाळी चंडानना नामनी राणी हती, के जेणीनु रूप जो P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust