________________ धम्मिः // 35 // प्रश्नो देशांतरे शांत-वेष वक्त्येष ते स्थिति // जगत्प्रतीतमप्येत-चेन्न जानासि तवृः / ग ए / / 76 // वार्ड केऽनृत्सुरेंडस्य / सूनुः क्वेशेन धम्मिलः // ययौस यौवने दैव-वैवश्यामणिकागृहं | // 9 // तत्रानंगोरगापेत-चेतनः स चिरं स्थितः // पित्राहूतोऽपि नायासीत् / प्राप्तसंयमधीरिख / 215 | // 70 // विपन्नौ पितरौ तस्य / व्ययाच निष्टितं धनं / गता विक्रीय वेश्मेदं / तदवः सविधे पितुः // 70 // सतोऽसतो वा को वेत्ति / शुहिं तस्याय पाप्पनः / कुलप्रलयकाले हि / जवंत्ये. वाळा! था तारो प्रश्न तुं देशांतरमा रहेतो होय एम सूचवे , हवे दुनियामां प्रसिद्ध एवा या वृत्तांतने जो तुं नथी जाणतो तो सांभळ? // 76 // सुरेंद्रदत्तशेठने तेनी वृद्धावस्थामां केटलेक कष्टे एक धम्मिल नामे पुत्र थयो हतो, परंतु कर्मयोगे यौवनवयमां ते वेश्याने घेर गयो. // 7 // त्यां कामदेवरूपी सर्पना दंशथी निश्चेतन थने ते घणा काळसुधी रह्यो, तथा जाणे चारित्रनी बुध्विाळो थयो होय नहि तेम तेना मातपिताए बोलाव्या बतां पण ते पागे धाव्यो नहि. // // 70 // पनी तेना ते मावाप गुजरी गयां, तथा तेना खरचथी धन पण खूटी गयु, थने ते धम्मिलनी स्त्री था घर वेचीने पोताना पिताने घेर गश्. / / // ते दुष्ट पुत्र हवे ने के नहि | P.P. Ac. Gunratnasuti M.S. Jun Gun Aaradhak Trust