________________ धम्मि || 60 // धने प्राग्वदनायाति / धनायंत्यथ कुट्टिनी / अनुशिष्य निजां चेटीं / प्रैषीम्मिलधाम| न // 61 // षुवमनिर्मुक्ता / स्खलक्षेच्नुः दणाद्ययौ / दुरे तहामनि घना-श्रयवीथीमतीय सा // 6 // कचित् खरैः खुरैः क्षुमं / प्रवरैर्विपनीमिव / / श्रावृतं वृत्तिवत्वापि / वेलाहल्लीवितानकैः // 63 // कचिन्मयोद्गताश्व-मूलप्रभृष्टनित्तिकं // कापि शुवसुधास्थाने / बुतापुटकप्ररित // 64 // वज्रदंतकुतैः कनृप्त-सुरंगमिव सर्वतः / / लालाजालेन वृतानि-खि प्रकृततानकं / / | ना जलनीपेठे खूटी गयु. / / 60 / / हवे पूर्वनीपेठे धन न पाववाथी धनने श्वती कुटणीए पो. तानी दासीने शिखावीने धम्मिलने घेर मोकली. // 61 // बाणनीपेठे न्याययी (धनुषयी) र. हित ययेली तथा पोतानाज लदयनी श्वावाळी (लाखोगमे धननी बावाळी) ते दासी घणा घरोवाळी शेरी (घणा आश्रयवाळी सुनटश्रेणि) नलंगीने दूरसुधि धम्मिलने घेर गइ. // ६शा त्यां कोक जगोए मोटा खरोए पोतानी खरीथी नकरमानीपेठे खोदेयं, तथा क्यांक वाडनीपेठे दोलायमान थती वेलमीना समूहोथी वीटायेवू. // 63 // तथा क्यांक वच्चे नगेला पीपळाना मळीयांनथी पमी गयेली नीतवाद्यं, तथा क्यांक सफेद चुनाने ठेकाणे करोळीयानना PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust