________________ धम्मि- // 25 // गृहीतमद्य केनापि / मामकं नूप नूपुरं // अनाया श्व मुष्यंते / तव दृष्टौ हहाबलाः माई // 16 // जुकुटीजीष्मजालोऽथा-न्यधादिद्याधराधिपः // अवदतपूर्वा जो–श्चैत्यांनश्चौरिकाकु | तः // 17 // यस्य चैत्यालये चेत–श्चिनुते चौर्यचापलं / सोऽचिरान्मे शलगतां / लगतां को. 2 पपावके // 20 // गल वत्सेधुना प्रात-स्त्वां करिष्ये प्रमोदिनी // श्युक्त्वा प्रस्थितो विद्या-धरे. शो विससर्ज तां // 27 // साथ प्राप समं नो / निजं वेश्म विमानगा // कुमारोऽप्येय धाम | 3 रह्याबाद तेणीए ते जाण्यु, तथा सजापतिने पण ते वात तेणे जणावी के, // 25 // हे रा. जन् ! आजे कोइए मारुं झांकर लेश्ली , अने एवी रीते अरेरे! आपनी नजरे आ अब ला अनाथनोपेठे बुटाय . // 26 // हवे चुकुटीथी जयंकर थयेला ललाटवाळो ते विद्याधरप ति बोल्यो के अरे! या जिनमंदिरनी अंदर प्रगान कद पण न थयेली एवी चोरी क्यांयी थ वा लागी ? // 27 // श्रावी रीते जिनमंदिरमा पण जेनुं मन चोरी करवामां तत्पर थयु ने ते तुरत मारा कोपरूपी अमिमां पतंगपणुं पामो ? // 27 // हे वत्स हमणा तो तुं जा? प्रजाते तने खुशी करीश, एवी रीते तेणीने विसर्जन करीने ते विद्याधरेंड चालतो थयो. // 25 // हवे ते P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust