________________ धम्मि| // 41 // अगायाः सुजडेति / मम नाम वितन्वती // पितृस्वसापि सा मन्ये / स्खलिता नाम / साथै | कर्मणि // 45 // अशिश्वी वृधिकार्येषु / सुनद्रामपि नामतः // रिक्तां तिथिमिवाशेषो / जनो मां दूरयिश्यति // 3 // एवं विकल्पदावामि-दग्धनिवृतिपादपा // पादपातेन मंदेन / सौधमध्यमियाय सा // 44 // नदियाय दिनेशोऽथा-नेशनशं तमो वि // तस्या श्रास्येऽनप य-दुःखोवं ववृधे पुनः // 45 // प्रसस्रुस्तन्मुखाचैत्य-निःस्वा निःश्वासवायवः // अंतर्दीप्तांगचिंता-चि | हं धारं बुं के अनऊ एटले अमंगलरूप एवी जे हुँ तेनुं सुजता नाम पाडनारी मारी ते फइ पण नाम पाडवामां नली होय एम जणाय . // 4 // वधामणीना कार्यमां निरुपयोगी एवी नद्रा नामनी रिक्ता तिथिनीपेरे मने सर्व लोको दूर करशे. // 43 / / एवी रीतनां विकल्पोरूपी दावा नलथी पोताना यानंदरूपी वृदना बळी जवाथी मंद मंद पगलांथी ते घरनी अंदर श्रावी. // 4 // एवामां सूर्य नग्यो, तथा रातिसंबंधि अंधकार नष्ट थयो, परंतु तेणीना मुखपर वंध्यापणाना दुःख. थी उत्पन्न थयेलो अंधकार वृद्धि पाम्यो. // 45 // अंतरमा सळगेली पुतनी चिंतारूपी चिताना परिचयवाळा जाणे होय नहि तेम तेणीना मुखथी ना निःश्वासना वायु निकळवा लाग्या. P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust