________________ धम्मि- धम्मिल इत्याख्यां / स नामकरणक्षणे // 13 // यथावसरमायात-धात्र्यः पंच जगत्प्रियं // तिथसार्थ यः शुक्वपदीया। श्वे तमवर्षयन् // 14 // जोजनं जाषणं दौर-मुबानं गमनं तथा // जगाम सर्वमप्यस्यं / पित्रोरुत्सवहेतुतां // 15 / / वयसा वपुषा वई-मानोऽत्पंचवार्षिकः // यदा तदा मु. दा पित्रा कलाचार्यस्य सोऽर्पितः // 16 // सादिमात्रीकृताचार्यो- परिजूरितमस्तकः // कलयामास स खल्पे-कालेन सकलाः कलाः // 17 // शिरःशून्याः कलाः सर्वा / एकां धर्मकलां विना // या पुत्र धर्म करतां थकां मल्यो बे, एम विचारी शेठे नाम पामती वखते तेनुं धम्मिल' नाम पाडयु. // 13 // जगतने यानंद बापनारा चंडने जेम शुक्लपदानी तिथि तेम योग्य अवसरे श्रावती पांच धात्रीनं तेने पोषवा लागी. // 14 // आ धम्मिलकुमारनुं गोजन नाषण हजामत उठवु तथा चालवू ए सधयु मावापने यानंदना हेतुरूप थयु. // 15 // पजी उमर अने शरीरथी वृति पामतो ते ज्यारे पांच वर्षनो थयो त्यारे पिताए हर्षथी कलाचार्यने सोंप्यो. // 16 // मात्र सादीरूप करेल ने गुरु जेणे एवो ते कई पण तकलीफविना खल्प समयमांज सघळी कला | शीखी गयो. // 17 // एक धर्मकळाविना सघली कनन मस्तकविनानी ने एम विचारीने शेरे / minine P-Ac. Gungetnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust