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________________ 272 श्री चन्द्रराजर्षि चरित्र अनंत सिद्धों के धाम इस सिद्धाचलजी तीर्थक्षेत्र पर चंद्रराजर्षि ने एक मास का अनशन किया। एक सहस्त्र वर्षों के चरित्र्यपर्याय (संयम) सहित कुल तीस हजार वर्षों का जीवन जीकर और फिर योगनिरोध करके चार अघाती कर्मों का विनाश कर चंद्रराजर्षि अनंतसुखमय मोक्ष में पधारे। सुमति मुनि, शिवकुमार मुनि और गुणवली, प्रेमला आदि साध्वियाँ भी संयम का निरतिचार पालन करते हुए केवलज्ञान प्राप्त कर अंत में मोक्ष में पहुंच गई। शिवमाला साध्वी और चंद्रराजर्षि के संसारी जीवन की अन्य सारी रानियाँ-साध्वियाँ अभी कुछ कर्मों का क्षय करना बाकी होने से अपना उस जन्म का जीवन पूर्ण कर सर्वार्थसिद्ध नामक सर्वश्रेष्ठ देवविमान में उत्पत्न हुई। वहाँ का तैंतीस सागरोपम का दिव्य जीवन बिता कर वे सर्वार्थसिद्ध विमान में से च्यक्ति होकर उत्तम कुल में जन्म लेंगी और फिर से दीक्षा ग्रहण करेंगी और सकल कर्मो का क्षय कर मोक्ष प्राप्त कर लेंगी। // इति श्री चंद्रराजर्षि चरित्र॥ **************** ACHARYA SRI KAULASSAGARCURI GYANMANDIR Kova, Cardhinaar-3.2009. ___ Phone : (07972327652,23270204-07 Aaradhak Trust P.P.AC. Gunram
SR No.036424
Book TitleChandraraj Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupendrasuri
PublisherSaudharm Sandesh Prakashan Trust
Publication Year
Total Pages277
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size225 MB
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