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________________ 1. सिद्ध-सारस्वत के पेनल में नाम रहा परन्तु बीमारी की बजह से राज्यपाल के आमंत्रण पर नहीं जा सके। इसी बीच मुझे बाईपास सर्जरी कराना पड गई। शोध-निर्देशन - 44 शोधच्छात्रों ने मेरे निर्देशन में पीएच0डी0 उपाधि प्राप्त की जिनमें अधिकांश महाविद्यालयों या विश्वविद्यालयों में कार्यरत हैं। कुछ के शोधप्रबन्ध भी छप चुके हैं। सम्मान -पुरस्कार(क) विशिष्ट महामहिम राष्ट्रपति पुरस्कार, मानव संसाधन भारत सरकार द्वारा- प्राकृतभाषा में विशिष्ट योगदान हेतु 15 अगस्त 2012 को घोषित किया गया। इसके लिये प्रतिवर्ष 50000 रुपया आजीवन दिया जा रहा है। विशेष राजकीय समारोह पूर्वक राष्ट्रपति सभागार नई दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी के कर कमलों द्वारा दिनांक 17 जनवरी 2014 को सम्मान-पत्रादि दिया गया। उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा स्वलिखित ग्रन्थों पर चार पुरस्कार- सन् 1970-1971 में उत्तराध्ययन सूत्र एक परिशीलन पर; सन् 1993-1994 में देव शास्त्र और गुरु पर; सन् 1996-1997 में मुनिसुव्रत काव्य के हिन्दी अनुवाद व सम्पादन पर; सन् 2000-2001 में द्रव्यसंग्रह के हिन्दी अनुवाद और सम्पादन पर। आचार्य श्रीसुमतिसागर स्मृति श्रुतसंवर्धन पुरस्कार- जैनविद्या के क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु मुनिश्री उपाध्याय ज्ञानसागर जी महाराज के मङ्गल सान्निध्य में इन्दौर जैन समाज द्वारा रुपया 31000 तथा शाल, स्मृति चिह्न आदि देकर दिनांक 21 सितम्बर 2008 में सम्मानित किया। मुनिपुंगव सुधासागर पुरस्कार - मुनिपुंगव श्री सुधासागर महाराज के मङ्गल सान्निध्य में अ० भा० दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद् की ओर से कोटा में विशेष सम्मान समारोह पूर्वक विशेष वेशभूषा आदि से अलंकृत कर तथा वग्गी पर भ्रमण कराकर रुपया 51000 दिया गया। इसमें से मैने 20000 रुपया सांगानेर श्रमण संस्कृति संस्थान को दान दे दिया। अ०भा०जैन विद्वत् शास्त्रि परिषद् द्वारा परम पूज्य भट्टारक श्री चारुकीर्ति जी महाराज के सान्निध्य में दिनांक 16 अक्टूबर 2015 में श्रवणबेलगोला में रुपया 11000 तथा शाल आदि से सम्मानित किया गया। श्री दि० जैन पंचकल्याणक महोत्सव समिति बीना द्वारा परम पूज्य आचार्य श्री विरागसागर जी के सान्निध्य में सम्यग्दर्शन के सम्पादन हेतु रुपया 5000 तथा शाल आदि देकर सम्मान किया। श्री दिगम्बर जैन वर्षायोग समिति फिरोजाबाद द्वारा परम पूज्य उपाध्याय श्री निर्भयसागर जी के सान्निध्य में 'पूजन का वैज्ञानिक अनुशीलन' के सम्पादन हेतु रुपया 5000 तथा स्वर्णनिर्मित ओम् का प्रतीक चिह्न आदि दिया। तिब्बती संस्थान (डीम्ड विश्वविद्यालय) सारनाथ के संस्कृत विभाग ने दिनांक 16 मार्च 2013 को सम्मान समारोहपूर्वक सम्मानित किया। वाराणसी संस्कृत विद्वत्परिषद् वाग्विमर्श द्वारा दिनांक 27 सितम्बर 2013 को विशेष सम्मान समारोह में कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। वाराणसी विद्याश्री धर्मार्थन्यास काशी, स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती शंकराचार्य न्यास के स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द के सान्निध्य में दिनांक 18 सितम्बर 2012 को विशेष सम्मान समारोह में पुरस्कृत किया। दि० जैन समाज सूरत में मुनि श्री समतासागर जी के सान्निध्य में दिनांक 11 अक्टूबर 2015 में अ०भा० जैन विद्वत् शास्त्री परिषद् की सङ्गोष्ठी में रुपया 21000 से पुरस्कृत किया। तीर्थक्षेत्र श्री कुंथुगिरि जी में मुनिश्री कुंथुसागर के सान्निध्य में पुरस्कृत किया तो मैने भी वहां के विद्यालय के छात्रों के लिये पुरस्कार राशि रुपया 11000 दान में दे दी। ब्रह्मचारी भैया पीयूष शास्त्री के टूर में मैं सपत्नीक वहां गया था। 13. शिक्षक दिवस पर ई. 2007 में बी.एच.यू. कला संकाय सम्मान। (ख) अन्य पुरस्कार व सम्मान1. केलिफोर्निया जैन सेंटर मीलपिटास (अमेरिका) में 18 से 27 सितम्बर 2004 पर्युषण पर्व पर प्रवचन करने 151
SR No.035323
Book TitleSiddha Saraswat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherAbhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year2019
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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