________________ 174 ] संस्कृत-प्रवेशिका [पाठ : 11-12 6. क्या तुम्हारे जागने के पूर्व वह पुस्तक नहीं पढ़ चुकेगा = किं तव जागरणात् . पूर्व सः पुस्तक न पठितवान् भविष्यति / 10. तुम्हारे स्टेशन पहुंचने से पहले रेलगाड़ी आ चुकी होगी - तव वाष्पयान विरामस्थलमागमनात् प्राक् वाष्पयानम् आगतवत् भविष्यति / नियम-४०. 'कर चुका' आदि पूर्णकाल की क्रिया का अर्थ प्रकट करने के लिए कर्तृवाच्य में 'क्तवतु' प्रत्ययान्त गौण क्रिया का कर्ता के लिङ्ग और वचन के अनुसार प्रयोग होगा। 41. क्तवतु' प्रत्ययान्त क्रिया के साथ 'अस्' धातु वाली मुख्य-किया का भी प्रयोग कर्ता के पुरुष और वचन के अनुसार होगा। ऐसे वाक्यों के प्रयोग में प्रायः 'अस्' धातुवाली क्रिया का प्रयोग नहीं भी होता है / 42. कर्मवाच्य में 'क्त' प्रत्ययान्त क्रिया होगी परन्तु 'अस्' धातु की क्रिया कर्तृवाच्य के समान ही होगी। (1) अभ्यास 11- रमेश और नीलिमा ने अपना काम पूर्ण कर लिया है। आपने और मैंने तब तक काम पूरा कर लिया होगा। उसने ऐसा कार्य क्यों किया है ? क्या वह स्कूल बन्द हो चुका है? मेरे पहुँचने के पहले श्याम खाना खा चुका था। तीन बजने के पूर्व रेलगाड़ी छुट चुकी थी। क्या मेरे आने से पहले तुम अपना कार्य समाप्त कर चुके होगे? तुम्हारे कहने से पहले ही मेरा मित्र पत्रों को लिख चुका होगा / वर्षा होने से पहले तुम सब पर पहुँच चुके होगे / पुलिस के पहुँचने से बहुत पहले चोर भाग चुके होंगे / सूर्योदय से पहले ही वह स्नान कर चुकी होगी। ___ पाठ 12 : पूर्णापूर्ण वर्तमान-भूत-भविष्यत् काल ( Perfect Continuous Tenses) उदाहरण-वाक्य [ 'शतृ' और 'शानच्' प्रत्ययों का प्रयोग ]1. मैं गत दिन से यहाँ कार्य कर रहा हूँ = अहं विगतदिवसाय् अत्र कार्य कुर्वन् अस्मि / 2. तुम कितने समय से कांप रहे हो = त्वं कियत्कालान् कम्पमानः असि ? 3. वह बुधवार से खेल रही है = सा बुधवासरा क्रीडन्ती अस्ति / 4. मैं आठ बजे से यह सब सहन कर रहा हूँ - अहम् अष्टवादनसमयाद इदं सर्व सहमानः अस्मि / 5. तुम कल सायंकाल दो घंटे तक पढ़ते रहे थे त्वं यः सायं घंटाद्वय पर्यन्तं पठन् आसीः / पूर्णकाल; पूर्णापूर्णकाल ] 2: अनुवाद [175 6. मैं एक सप्ताह तक गीता पढ़ता रहा था = अहम् एकसप्तरहपर्यन्तं गीतां पठन् आसम् / 7. बालिकाएं चार दिन तक सेवा करती रही थीं - बालिकाः दिनच जुष्टय पर्यन्तं सेवमानाः आसन् / 8. क्या रीता और गीता गत दिन से तुम्हारी प्रतीक्षा नहीं कर रही होंगी = किं रीतागीते गतदिवसात् तव प्रतीक्षां न कुर्वत्यो भविष्यतः / 9. तुम्हारा मित्र दो घंटे से और राम दो बजे से खेल रहे होंगे = तब मित्रं घंटातयकालात् रामः द्विवादनकालाच्च कीडन्ती भविष्यतः / नियम-४२. पूर्णापूर्ण (जब किसी समय से किसी काम का लगातार होता रहना पाया जाये ) वर्तमान-भूत-भविष्यत् काल में अपूर्ण (वर्तमान-भूत-भविष्यत् ) काल की तरह 'शतृ' अथवा 'शानच्' प्रत्ययों का तथा 'अस्' धातु की क्रिया का प्रयोग किया जाता है। 44. वर्तमान और भविष्यत् काल के समय-वाचक (जब से काम प्रारम्भ हो) शब्दों में पञ्चमी विभक्ति होती है। 45. भूतकाल के समयवाचक शब्दों में 'पर्यन्तम्' पद जोड़ दिया जाता है। अभ्यास १२-वह सुबह से क्या कर रही है ? मैं पांच घंटे से पढ़ रहा हूँ। तुम इस विद्यालय में कितने समय से पढ़ा रहे हो? वे दोपहर से आपका इन्तजार कर रहे हैं / इस वर्ष 15 जुलाई से लगातार वर्षा हो रही है। क्या वह तीन घण्टे से कोई कार्य नहीं कर रहा है? तुम एक घंटे से इस कमरे में क्या कर रहे थे? वह चार साल से कठिन परिश्रम कर रहा था। वे चार दिनों तक लगातार पढ़ती रही थीं। अध्यापक आठ घंटे से पढ़ा रहे होंगे ! क्या आज छात्र कुलपति जी से दो बजे से बहस कर रहे होंगे? वे दोनों सोमवार से यात्रा कर रहे होंगे। पाठ 13 : कर्तृ-कर्म कारक उदाहरण-वाक्य [ प्रथमा और द्वितीया विभक्तियों का प्रयोग ] १.मैं ग्रन्थ पढ़ता है = ग्रन्थमहं पठामि (कर्तृ०)। ग्रन्थः मया पठचते (कर्म)। 2. वे वन में जाते हैं और वह पञ्चत्व को प्राप्त होता है = ते वनं गच्छन्ति सच पञ्चत्वं याति / 3. हे राम! यहाँ माम और नारियल के फल हैं = हे राम ! अत्र -आम्रफलानि नारिकेलफलानि च सन्ति / 4. यह मेरा ग्रन्थ है, ऐसा समझो = अयं मम ग्रन्थ इति जानीहि / 5. वह एक मास तक पढ़ता है और मैं एक कोश तक चलता हूँ - सः मासमेकं पठति अहं च क्रोशमेकं गच्छामि / 6. वह गुरु को नमस्कार करता है - सः गुरुं नमति (सः गुरवे नमस्मरीति)। 7. हरि वैकुण्ठ में सोते हैं = हरिः वैकुण्ठमधिशेते (अधितिष्ठति, मध्यापते मा)।