________________ // / 172] संस्कृत-प्रवेशिका [पाठ : 10-11 गाना गा रही है। पिता ने पुत्र से कहा ! मेरे द्वारा पात्रु जीते जाते हैं। राम ने रावण को मारा और सीता की रक्षा की। सूर्य से जगत् प्रकाशित होता है / ईश्वर ने इस संसार को रचा। उसके द्वारा पुस्तकें लाई जायें। अध्यापकों ने पुस्तकें पढ़ाई। तुमने फल खाया। वे दोनों स्कूल जाते हैं। क्या तुमने पुस्तकें लिखी हैं ? गीता बाजार नहीं जा रही है। हम दोनों ने यह रेडियो बनाया है। आप जो चाहते हैं वह सब मैं करता हूँ / संदीप ने स्कूल में पुरस्कार प्राप्त किया। पाठ 10: भूतकालिक वाक्य उदाहरण-धाक्य ['क्त' और 'क्तवतु' प्रत्ययों का प्रयोग ] 1. ये सभी बालक घर गए = ते सर्वे बालकाः गृहम् अगच्छन् (कर्तृ०)।तः सर्वः बालकः गृहमगम्यत (कर्म) / ते सर्वे बालकाः गहं गतवन्तः (कर्तृ.)। तः सर्वैः बालकः गृहं गतम् ( कर्म०)। ते सर्व बालकाः गृहं गच्छन्ति स्म (कर्तृ.)।तैः सर्वेः बालकः गृहं गम्यते स्म (कर्म)। 2. बालिकाओं ने फल खाया = बालिकाः फलमभुजत (कर्तृ०)। बालिकाः फलं भुक्तवत्यः (कर्तृ.) / बालिकाभिः फलं भुक्तम् (कर्म)। 3. मैंने पुस्तकें पड़ी = महं पुस्तकानि अफ्ठम् / मया पुस्तकानि अपठचन्त / अहं पुस्तकानि पठितवान् / मया पुस्तकानि पठितानि / 4. राजपुरुषों ने नगरी की रक्षा की = राजपुरुषाः नगरीम् अरक्षन् / राजपुरुषाः नगरी रक्षितवन्तः / राजपुरुषः नगरी रक्षिता। 5. कुम्भकार ने पड़ा बनाया = कुम्भकार: घटम् अरचयत् / कुम्भकारः घटं रचितवान् / कुम्भकारेण घटः रचितः / 6. मैं हंसा और वह सोया = अहम् अहसम्, सः च अस्वपीत् (स्वपिति स्म)। अहं हसितवान् सः च सुप्तवान् / मया हसितं तेन च सुप्तम् / 7. वन में गए हुए राम ने ऋषियों को प्रणाम किया - वनं गतः रामः ऋषीन प्राणमत् / वनं गतः रामः ऋषीन् प्रणतवान् / वनं गतेन रामेण ऋषयः प्रणमिता। 6. पढ़ी हुई पुस्तकें लाओ= पठितानि पुस्तकानि आनय / / 6. बाये हुए (खा लेने पर ) उसने कार्य किया = भुक्तवता तेन कार्य कृतम् / / 10. उसके खा लेने पर वह आया = भुक्तवति तस्मिन् सः आगतवान् / नियम-३६. सामान्य भूतकाल के लिए कर्मवाच्य में 'क्त' और कर्तृवाच्य में 'क्तवतु' प्रत्ययों का प्रयोग होता है। 37. 'क्त' प्रत्ययान्त (कर्मवाच्य की) क्रियाओं का लिङ्ग और वचन कर्म के अनुसार तथा 'क्तवतु' प्रत्ययान्त (कर्तृवाच्य की) क्रियाओं का लिङ्ग और वचन कर्ता भूतकाला पूर्ण काल] 2: अनुवाद [ 173 के अनुसार होता है। भाववाच्य में 'क्त' प्रत्यय होने पर 'क्त' प्रत्ययान्त क्रिया नपुं० एकवचन में ही होगी। पुरुष का 'क्त' और 'क्तवतु' प्रत्ययान्त क्रियाओं पर कोई असर नहीं पड़ता है। 38. 'क्त' और 'क्तवत् प्रत्ययों का प्रयोग विशेषण के रूप में भी किया जाता है। ऐसी स्थिति में इनके लिङ्ग, विभक्ति और वचन अपने-अपने विशेष्य के अनुसार होते हैं / (7-10) 36. ऐसे वाक्यों में यदि एक क्रिया के होने पर दूसरी क्रिया का होना पाया जाये तो पहले होने वाली (कृदन्त) क्रिया में तथा कर्तृवाच्य के कर्ता अथवा कर्मवाच्य के कर्म में सप्तमी होती है। (10) अभ्यास १०-मोहन ने श्याम को बन्दूक से मारा। उन कन्याओं ने बगीचे के दो फूल तोड़े। राम, सीता और लक्ष्मण बन गये। क्या गीता मे पुस्तकें नहीं पढ़ीं ? लिखी हुई उत्तर-पुस्तिकायें ले जाओ। बालिका ने जल पिया और सो गई। श्याम ने पढ़ी हुई पुस्तकें पुनः पढ़ीं। लेखक के यहाँ से लाई हई पुस्तकं पढ़ो। भोजन किए हुए बालक को दूध दो / मनीषा और रीता ने इनाम में प्राप्त सभी धन स्कूल को दान में दे दिया। पाठ 11 : पूर्ण वर्तमान-भूत-भविष्यत् काल ( Perfect Tenses ) उदाहरण-वाक्य ['क्त' और 'क्तवतु' प्रत्ययों का प्रयोग.१. (क) वह पुस्तक पढ़ चुका है = सः पुस्तकं पठितवान् [अस्ति] (कर्तृ०)। (ख) उसने पुस्तक पढ़ ली है - तेन पुस्तकं पठितम् [अस्ति] (कर्म)। 2. मैं काम कर चुका हूँ = अहं कार्य कृतवान् [ अस्मि ] | 3. सीता ने कथा सुन ली है = सीता कथां श्रुतवती [ अस्ति / 4. क्या तुम दोनों घर जा चुके हो = कि युवा गृहं गतवन्तौ [स्तः ] / 5. मेरे पहुँचने के पूर्व ही चोर भाग गये थे = मम आगमनात् पूर्वमेव तस्कराः (चौराः) पलायितवन्तः [ आसन् ] / 6: अध्यापक के जाने के पहले ही बालिकायें जा चुकी थीं = अध्यापकस्य . गमनात् पूर्वमेव बालिकाः गतवत्यः [ आसन् ] / 7. क्या पांच बजने के पूर्व ही मैं जाग चुका था = कि पञ्चवादनात प्रागेव अहं प्रबुद्धवान् [आसम् / 8. रात होने से पहले ही बालिकाएँ घर पहुंच चुकी होंगी रातः प्रागेम बालिकाः गृहम् आगतवत्यः भविष्यति /