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________________ 186] संस्कृत-प्रवेशिका . [पाठ : 21-22 अभ्यास-२०. सभी को अपना काम समय पर पूरा कर लेना चाहिए / उसे हँसना चाहिए / गुरु के चरण पूजनीय हैं। उन्हें अपना पाठ पढ़ना चाहिए। हम सब देश की रक्षा करें। पूजनीय गुरु जी कहाँ जा रहे हैं? यह अवश्य करणीय कार्य कल अवश्य होना चाहिए / तृण की भी उपेक्षा नहीं करना चाहिए। क्या हमारे कुलपति प्रशंसा के योग्य हैं? उन दोनों को परीक्षा देना होगी। परीक्षा में प्रष्टव्य प्रश्न बहुत हैं, अतः हमें सभी प्रश्नों के उत्तर याद करना चाहिए। पाठ 21 : तुलनात्मक (Degree) वाक्य उदाहरण-वाक्य [ 'तरप्' और 'तमप्' प्रत्ययों का प्रयोग ]-- 1. क. श्याम चतुर है = श्यामः पटुः अस्ति / ख. श्याम से रमेश अधिक चतुर है = श्यामाद रमेशः पटुतरः / ग. राम सबसे अधिक चतुर है = सर्वेष (सर्वेषां) रामः पटुप्तमः / 2. क. देवदत्त सुस्त था = देवदत्तः मन्दः आसीत् / ब. देवदत्त से यज्ञदत्त सुस्त था = देवदत्तात् यज्ञदत्तः मन्दतरः आसीत् / ग. सुरेश सबसे अधिक सुस्त था - सुरेशः सर्वेषु (सर्वेषां) मन्दतमः आसीत् / 3. रमेश से श्याम अधिक दुष्ट नहीं है = रमेशात् श्यामः दुष्टतरः नास्ति / 4. राम और सीता में सीता ही मृदु है - सीतारामयोः सीता एव मृदुतरा। 5. इन दोनों में कौन अधिक साधु है = अनयोः कः साधुतरः? 6. सभी छात्राओं में सीता सबसे अधिक योग्य है - सर्वासु छात्रास ( सर्वासा छात्राणाम् ) सीता योग्यतमा अस्ति। 7. श्याम सबसे अधिक भारी, बुद्धिमान्, योग्य और चतुर है = सर्वेषु श्यामः गुरुतमः, बुद्धिमत्तमः, योग्यतमः, पटुतमः च अस्ति। 8. परीक्षा में पहले सरल प्रश्नों को ही हल करना चाहिए पश्चात दूसरे प्रश्नों को परीक्षायां पूर्व सरलतमाः एव प्रश्नाः समाधेयाः तदनु अन्ये प्रश्नाः। 6. सभी देवों में राम को ही सर्वाधिक प्रशस्य जानो सर्वेषु देवेषु राममेव प्रशस्यतमं जानीहि / 10. आज सर्वाधिक बलवान् का ही राज्य है = अद्य प्रबलतमस्यैव राज्यम् / नियम-५८. जब दो की तुलना में एक का अतिशय ( उत्कृष्टता अथवा ह्रास) बतलाया जाता है, तो-(क) अतिशय-वाचक विशेषण में 'तरप्' (तर) प्रत्यय जोड़ दिया जाता है / (ख) जिसकी अपेक्षा अतिशय बतलाया जाता है उसमें पञ्चमी विभक्ति होती है / (ग) जब तुलनीय दोनों वस्तुओं का द्वन्द्व-समास हो तो उनमें सप्तमी का तुलनात्मक प्रेरणात्मक ] 2: अनुवाद [17 द्विवचन होता है (4-5) / (घ) 'तर' प्रत्ययान्त विशेषण के लिङ्ग, वचन आदि विशेष्य के अनुसार होते हैं 56. जब दो से अधिक की तुलना में एक का अतिशय बतलाया जाता है तो अतिशय-वाचक विशेषण में 'तमप्' (तम) प्रत्यय जोड़ा जाता है। (ख) जिनकी अपेक्षा अतिशय बतलाया जाता है उनमें 'षष्ठी' या 'सप्तमी' विभक्ति होती है। (ग) 'तमप्' प्रत्ययान्त विशेषण के लिङ्ग, वचन आदि विशेष्य के अनुसार होते है। अभ्यास २१-सभी आम्रफलों में बनारसी आम मीठा होता है। भारतवर्ष सभी देशों में श्रेष्ठ है / मोहन श्याम से अधिक चतुर नहीं है। इन दोनों में कौन अधिक बुद्धिमान है ? राजा दशरथ की पत्नियों में कौशल्या सबसे बड़ी थी। सुरेश महेश से अधिक सरल स्वभावी है परन्तु पढ़ने में मृदु है। दमयन्ती सब स्त्रियों में सुन्दर होगी। गङ्गा और यमुना में गङ्गा का महत्त्व अधिक है। फूलों में शिरीष फूल अधिक कोमल होता है। पाणिनि की अष्टाध्यायी सभी व्याकरण के प्रन्थों में प्रशस्य है / सुमन सभी छात्राओं में अधिक सुशील है। . पाठ 22 : प्रेरणात्मक (Causative ) वाक्य उदाहरण-वाक्य ["णिच्' प्रत्यय का प्रयोग ]-- 1. (क) छात्र लेख लिखता है - छात्रः लेखं लिखति / (ख) अध्यापक छात्र से लेख लिखवाता है - अध्यापक छात्रेण लेख लेखयति / 2. (क) राम कार्य करता है और पाचक भात पकाता है = रामः कार्य करोति पाचकः च ओदनं पचति / (ख) मैं राम से कार्य करवाता हूँ और पाचक से भात पकवाता है - अहं रामेण (राम) कार्य कारयामि पाचकेन च ओदन पाचयामि / 3. (क) देवदत्त गाँव जाता है = देवदत्तः ग्रामं गच्छति / - (ख) राम देवदत्त को गांव भेजता है = रामः देवदत्तं ग्राम गमयति / 4. (क) वह बैठता है % सः आस्ते / (ख) तुम उसे बैठाते हो = त्वं तम् आसयसि / 5. वह श्याम को भात खिलाता है और मनीषा को रामायण पढ़ाता है - सः श्यामम् ओदनं भोजयति मनीषाच रामायणं पाठयति / 6. श्याम छात्र के द्वारा गीता को गांव भेजता है और स्वयं सोता है-माम छात्रेण गीता प्राम गणपति बनी 7. मैंने नौकर से बोझा तुलवाया - अहं रोमकेग गारगाहमा /
SR No.035322
Book TitleSanskrit Praveshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherTara Book Agency
Publication Year2003
Total Pages150
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size98 MB
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