________________ उससे अपने रोग का निदान और उपचार मालूम किया और फिर उसी के अनुसार उपचार करने पर वह स्वयं भी स्वस्थ हो गया / ' शनैः शनैः यह बात डॉक्टरों तक पहँची / वे भी अपने उलझन भरे रोगियों का उपचार करने के लिए केसी का मार्गदर्शन लेने लगे / यह भी ज्ञात हआ कि वह रोगी की अनुपस्थिति में भी रोग का उपचार बतला सकता है / प्रश्न करते समय केवल इतना बतलाना ही पर्याप्त था कि रोगी उस समय कहाँ है ? केसी स्वयं टांस की अवस्था में जाता और फिर प्रश्न करने पर इस प्रकार अधिकारपूर्वक बोलने लगता जैसे कोई विशेषज्ञ डॉक्टर एक्सरे में सारा शरीर देखकर बोल रहा हो / वह रोगी के रोग का कारण और उसके निवारण के उपाय बतलाता / इस प्रकार केसी ने लगभग तीस हजार रोगियों के सम्बन्ध में सूचनाएँ दी / ये सूचनाएँ आज भी सुरक्षित हैं और डॉक्टर आज भी उनका अध्ययन करते हैं। केसी की इस अद्भुत शक्ति के सम्बन्ध में ओहियो (अमरीका) के श्री आर्थरलेमर्स नामक एक साधन-सम्पन्न प्रकाशक ने भी सुना / उसने सोचा जिस व्यक्ति के पास ऐसी अतीन्द्रिय शक्ति हो, क्या वह मनुष्यों की अन्य उलझनों तथा मानव जीवन का हेतु क्या है ? जन्म से पहले और मृत्यु के पश्चात् जीवन का कोई अस्तित्व है या नहीं-पर प्रकाश नहीं डाल सकता ? श्री आर्थर लेमर्स इसी कार्य के लिए केसी के पास गये और उनको अपनी बात समझाई / केसी इस समस्या पर प्रयोग करने के लिए राजी हो गया और पहले ही प्रयत्न में केसी ने बतलाया कि अपने पूर्व जन्म में श्री आर्थर लेमर्स एक साधु थे / इस प्रकार केसी ने व्यक्तियों के पूर्वजन्म पढ़ने प्रारम्भ कर दिये / केसी पूर्वजन्म की बातें बतलाकर यह भी बतलाता कि उस पूर्वजन्म का वर्तमान जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? जिन व्यक्तियों को केसी ने कभी देखा भी नहीं था, उन व्यक्तियों के स्वभाव, उनकी विशेषताओं, उनके मानसिक विकास इत्यादि के सम्बन्ध में केसी द्वारा बतलायी गयी बातें आश्चर्यजनक रूप से सच निकलतीं / इस प्रकार उसने लगभग दो हजार पाँच सौ व्यक्तियों के पूर्व-जन्म के सम्बन्ध में बतलाया / सन् 1945 में अड़सठ वर्ष की आयु में केसी की मृत्यु हो गयी / केसी के नाम से अमरीका में एक संस्थान भी स्थापित है और उसके सम्बन्ध में कई पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं / * दरभंगा के एक होम्योपैथिक डॉक्टर श्री ए.वी. साहनी एक प्रयोग कर्मग्रंथ (भाग-1) 29