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________________ ___12) चीन में वेह रूपांग नाम का एक बारह वर्ष का बालक है / उसको ऐसी शक्ति प्राप्त है कि वह ईंटों की दीवारों के पार भी देख सकता है / वह किसी भी रोगी को देखकर यह बतला देता है कि उस रोगी के शरीर के अन्दरूनी अंगों में क्या गड़बड़ी है / वह जमीन को देखकर बतला देता है कि उसके नीचे भूमिगत पानी है या नहीं ? यह बालक अपनी माता के आन्तरिक विचारों को भी पढ़ लेता है / वह अपनी आँखों की सहायता के बिना, कानों के द्वारा पुस्तक पढ़ सकता है अर्थात् पुस्तक उसके कान के पास रख दी जाती है और वह पुस्तक को पढ़ने लगता है | ___13) कुआलालम्पुर में "किम' नामक एक दस वर्ष की लड़की है / वह बालिका अपने कानों से देख लेती है | उसके कान के पास पत्र-पत्रिकाएँ रख दी जाती हैं और वह उनको मुख से सुना देती है | चमत्कारिक उपचार सन 1977 के लगभग अमरीका में एक बालंक का जन्म हुआ, जिसका नाम एडगर केसी (Edger Caycee) रक्खा गया / इक्कीस वर्ष की अवस्था में वह अत्यंत बीमार पड़ा / पर्याप्त उपचार करने के पश्चात् वह उस बीमारी से तो अच्छा हो गया , परन्तु उसके बोलने की शक्ति जाती रही और वह गूंगा हो गया / एक बार हिप्नोटिज्म जानने वाले एक व्यक्ति ने उसे 'ट्रांस' की अवस्था में डालकर-सम्मोहित करके-उससे बुलवाया / परन्तु ट्रांस से जागने के पश्चात् वह फिर पहले के समान गूंगा ही रहा / वह हिप्नोटिज्म जाननेवाला तो चला गया, परन्तु एक अन्य व्यक्ति ने, जो हिप्नोटिज्म का अभ्यास कर रहा था, सोचा, ''कैसी ट्राँस की अवस्था में बोल सकता है / हमें उसको ट्रांस की अवस्था में डालकर उसी से उसके बोलने के कारण जानने का प्रयत्न करना चाहिए / ' उस व्यक्ति ने केसी पर प्रयोग किये / केसी ने स्कूल में केवल नवीं कक्षा तक ही अध्ययन किया था, परन्तु ट्रांस की अवस्था में उसने एक डॉक्टर के समान ही डॉक्टरी भाषा में रोग का कारण, उसका निदान और फिर रोग का उपचार बतला दिये / उसी के अनुसार उपचार करने पर केसी बिल्कुल ठीक हो गया, और वह फिर से बोलने लगा / वह हिप्नोटिस्ट स्वयं भी लम्बे समय से पेट के दर्द से पीड़ित था / उसने केसी को सम्मोहित करके कर्मग्रंथ (भाग-1) 28
SR No.035320
Book TitleKarmgranth Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2019
Total Pages224
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size39 MB
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