________________ कर रहे हैं / वे रोगी का एक बाल मंगवा लेते हैं और उस बाल पर उस विशेष रोग की औषधि लगाते हैं / ऐसा करने से रोगी ठीक होने लगता है / इस प्रकार उन्होंने अनेक रोगियों को स्वास्थ्य-लाभ कराया है / उन्होंने इस विषय पर अंग्रेजी भाषा में एक पुस्तक भी लिखी है, जिसका नाम है- (Transmission of Homeo Drug from a Distance.) * कनाडा में मोन्ट्रियल नामक नगर में श्री ओसकर एस्टेबनी नामक सज्जन रहते हैं / उनके स्पर्श में अद्भुत चमत्कार है / उनका स्पर्श पाते ही मरणासन्न रोगी स्वास्थ्य-लाभ करने लगते हैं | उनके स्पर्श से टूटी हुई हड्डियाँ जुड़ जाती हैं / मनुष्यों और पशु-पक्षियों की तो बात ही क्या , वनस्पति पर भी उनके स्पर्श का समान प्रभाव होता है | जुलाई के महीने में तीन सप्ताह के लिए वे न्यूयार्क के अल्वेनी इलाके में आ जाते हैं और वहाँ पर रोगियों को अपने स्पर्श से लाभान्वित करते हैं / पहले वे एक सैनिक अधिकारी थे / उस समय वे जिन घोड़ों पर बैठते थे, वे घोड़े न तो थकते थे, न बीमार ही पड़ते थे | उनकी इस शक्ति का अन्य घोड़ों पर भी परीक्षण किया गया तो उन घोड़ों पर भी वह प्रभाव हुआ / यह शक्ति उनको अपने आप ही प्राप्त हो गयी है / अनेक वैज्ञानिकों ने उनकी इस अद्भुत शक्ति की जाँच की है और इसको बिलकुल सत्य पाया है / हाँ, जब कभी वे निराश, परेशान व उदास होते हैं, तो उनका स्पर्श कोई चमत्कार नहीं दिखाता / * दिल्ली से प्रकाशित होने वाले दैनिक ''हिन्दुस्तान'' के 28 मार्च 1984 के अंक में एक सज्जन का लेख 'आस्था के उपचार'' प्रकाशित हुआ है | उसमें उन्होंने बताया है कि एक गाँव में एक सज्जन पीलिया का उपचार करते हैं / वे बोर जैसे फलों की एक कण्ठी पीलिये के रोगी के गले में डाल देते हैं / जैसे-जैसे दिन बीतते हैं वह कंठी नीचे लटकती जाती है और रोग घटता जाता है / जब वह कंठी नाभि को छूने लगती है, रोग गायब हो जाता है / इस प्रकार उन्होंने रोगियों को ठीक किया है | * मन्त्रों के द्वारा साँप के काटने का इलाज भी किया जाता है / कुछ तान्त्रिक तो मन्त्रों के द्वारा उस साँप को बुलवाते हैं, जिस साँप ने व्यक्ति को काटा था , फिर वह साँप उस व्यक्ति के शरीर से जहर चूस लेता है और वह मरणासन्न व्यक्ति फिर से स्वस्थ हो जाता है / कर्मग्रंथ (भाग-1) 1303