________________ * चातुर्मासिक प्रवचन : बाली (दो बार), पाली (दो बार), रतलाम, अहमदाबाद (ज्ञानमंदिर), पाटण, सुरेन्द्रनगर, रानीगाँव, पिंडवाड़ा, उदयपुर, जामनगर, अहमदाबाद (गिरधरनगर), थाणा , कल्याण, दादर (मुंबई), सायन (मुंबई), धूलिया , कराड़, चिंचवड़, भायंदर, पूना, येरवड़ा, दीपक ज्योति टॉवर, श्रीपाल नगर, कर्जत, भिवंडी (दो बार), कल्याण (दो बार), रोहा, भायंदर, पालीताणा (दो बार) नासिक / -विहार क्षेत्र : राजस्थान, गुजरात, सौराष्ट्र, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्णाटक आदि * (छ'री पालित संघ में मार्गदर्शन-प्रवचन) : बरलूट से शत्रुजय , गोदन से जैसलमेर, वल्लभीपुर से पालीताणा, लुणावा से राणकपुर पंचतीर्थी * छ'री पालक निश्रादाता : उदयपुर से केशरियाजी, गिरधरनगर से शंखेश्वर, धूलिया से नेर, कराड़ से कुंभोज, सोलापुर से बार्शी, भिवंडी से महावीर धाम, कर्जत से मानस मंदिर, हस्तगिरि से शत्रुजय-गिरनार, शत्रुजय बारह गाऊ / * प्रथम पुस्तक आलेखन : ''वात्सल्य के महासागर'' संवत् 2038 * अद्यावधि प्रकाशित पुस्तके : (194) * संस्कृत साहित्य संपादन-सह संपादन : सिद्ध हैमशब्दानुशासनम्-बृहद्वृत्ति लघु न्यास सह, पांडवचरित्र आदि * अन्य संपादन : भगवान पार्श्वनाथ की परंपरा का इतिहास-भाग 1-2-3 * अनुवाद संपादन : विजयानंदसूरिजी कृत 'नवतत्त्व'। * शिष्य-प्रशिष्य : स्व. मु. श्री उदयरत्नविजयजी, मुनि केवलरत्नविजयजी, मुनि कीर्तिरत्नविजयजी, मुनि प्रशांतरत्नविजयजी, मुनि शालिभद्रविजयजी, मुनि स्थूलभद्रविजयजी, मुनि यशोभद्रविजयजी * उपधान निश्रा दाता : कुर्ला , धुले , येरवडा, आदीश्वर धाम (दो), कर्जत, विक्रोली, मोहना, पालीताणा (दो बार), सेसली, नासिक / * गणि पदवी : वैशाख वदी-6, संवत् 2055, दि.7-5-1999 चिंचवड गाँव, पूना. * पंन्यास पदवी : कार्तिक वदी-5, संवत् 2061, दि.2-12-2004 श्रीपालनगर, मुंबई. * आचार्य पदवी : पोष वदी-1, संवत् 2067, दि.20-1-2011 थाणा. कर्मग्रंथ (भाग-1) 15