________________ परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय रत्नसेनसूरीश्वरजी म. सा. का संक्षिप्त परिचय गृहस्थ नाम : राजु (राजमल चोपड़ा) माता का नाम : चंपाबाई पिता का नाम : छगनराजजी गेनमलजी चोपड़ा जन्मभूमि : बाली (राज.) जन्म तिथि : भादों सुद-3, संवत् 2014 दि. 16-9-58 बचपन में धार्मिक अभ्यास : पंच प्रतिक्रमण-नवस्मरण आदि ब्रह्मचर्यव्रत स्वीकार : 18 जून 1974 व्यावहारिक अभ्यास : 1st year B.Com. (पार्श्वनाथ उम्मेद कॉलेज फालना-राज.) दीक्षा दाता : पू.पं. श्री हर्षविजयजी गणिवर्य गुरुदेव : अध्यात्मयोगी पू. पंन्यास श्री भद्रंकरविजयजी गणिवर्य दीक्षा दिन : माघ शुक्ला 13, संवत् 2033 दि. 2-2-1977 समुदाय : शासन प्रभावक पू.आ. श्री रामचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. दीक्षा दिन विशेषता : भारत भर में लगभग 50 ऊपर दीक्षाएँ 108 मुमुक्षु वरघोड़ा : 9 जनवरी 1977, मुंबई दीक्षा स्थल : न्याति नोहरा-बाली राज. दीक्षा समय उम्र : 18 वर्ष बड़ी दीक्षा : फाल्गुन शुक्ला 12, संवत् 2033 बड़ी दीक्षा स्थल : घाणेराव (राज.) प्रथम चातुर्मास : संवत् 2033 पाटण पू.पं. श्री हर्षविजयजी के सान्निध्य में * अभ्यास : प्रकरण, भाष्य, 6 कर्मग्रंथ, कम्मपयडी, पंचसंग्रह, न्याय, काव्य, कोश, संस्कृत-प्राकृत व्याकरण, संस्कृत-प्राकृत साहित्य वाचन, ज्योतिष, आगम वाचन आदि. * भाषा बोध : हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, राजस्थानी, संस्कृत, प्राकृत, मराठी आदि * प्रथम प्रवचन प्रारंभ : फागुन सुदी 14, संवत् 2034 पाटण (गुजरात) * चातुर्मासिक प्रवचन प्रारंभ : बाली संवत् 2038 कर्मग्रंथ (भाग-1) 14