SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 289
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवान् अपमदेव : पूर्वमव २५१ ___स्वयंप्रभा देवी भी वहाँ से आयु पूर्ण कर पुण्डरीकिनी नगरी में वज्रसेन राजा की पुत्री 'श्रीमती' हुई । एक बार 'श्रीमती' महल की छत पर घूम रही थी कि उस समय पास के एक उद्यान में मुनि को केवलज्ञान हुआ। उसके महोत्सव करने हेतु देव-गण आकाश मार्ग से जा रहे थे । आकाश मार्ग से जाते हुए देव समूह को निहारकर श्रीमती को पूर्व भव की स्मृति उबुद्ध हुई। उसने वह स्मृति एक चित्रपट्ट पर अंकित की। पण्डिता परिचारिका उम चित्रपट्ट को लेकर राजपथ पर, जहाँ चक्रवर्ती वज्रसेन की वर्षगांठ मनाने हेतु अनेक देशों के राजकुमार आ-जा रहे थे, वहाँ खड़ी हो गई। वज्रजंघ राजकुमार ने ज्योंही वह चित्र देखा त्योंही उसे भी पूर्वभव की स्मृति जागृत हो गई। चित्र-पट्ट का सारा इतिवृत्त पण्डिता परिचारिका को बताया। परिचारिका ने श्रीमती को, और पुनः श्रीमती की प्रेरणा से चक्रवर्ती वज्रसेन को परिचय दे श्रीमती का वज्रजंघ के साथ पाणिग्रहण करवाया। श्रीमती के पिता वज्रसेन ने संयम ले लिया । तब सीमा प्रान्तीय नरेश सम्राट् पुष्करपाल की आज्ञा का उल्लंघन करने लगे। वज्रजंघ उसकी सहायतार्थ गया एव शत्रुओं पर विजय वैजयंती फहराकर वह पुनः अपनी राजधानी को लौट रहा था, उसे ज्ञात हुआ कि प्रस्तुत अरण्य में दो मुनियों को केवलज्ञान उत्पन्न हुआ है, उनके दिव्य प्रभाव से दृष्टिविष सर्प भी निर्विष हो गया । वज्रजंघ मुनियों के दर्शन करने के लिए गया। उपदेश सुन वैराग्य हुआ। पुत्र को राज्य देकर संयम ग्रहण करूँगा, इस भावना के साथ वह वहाँ से प्रस्थान कर राजधानी पहुँचा । इधर पुत्र ने सोचा कि पिताजी जीते जी मुझे राज्य देंगे नही, अतएव राज्य लोभ में फंसकर उसने उसी रात्रि को वज्रजंघ के महल में जहरीला धुआ फैलाया, जिसकी गंध से वज्रजंघ और 'श्रीमती' दोनों ही मृत्यु को प्राप्त हुए। (७) युगलिक-वहाँ से दोनों ही आयु पूर्ण कर उत्तरकुरु में युगल-युगलिनी बने। (८) सौधर्म कल्प-वहाँ से आयु पूर्ण कर सौधर्म कल्प में देव बने ।
SR No.035318
Book TitleKalpasutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherAmar Jain Agam Shodh Samsthan
Publication Year1968
Total Pages474
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy