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श्रहिसा धर्म की शरण लेकर ही विश्व युद्धों की पुनरावृत्ति रुक सकती दूर हट सकते हैं । अहिंसा धर्म और शान्ति की नींद सो सकती
शान्ति के बाद
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है और संसार से की शरण लेकर ही मानव जाति सुख है । श्रतएव विश्व के सब राष्ट्रों का कर्तव्य है कि वे स्वार्थ बुद्धि छोड़कर मानवता के वास्तविक तत्त्व अहिंसा धर्म को समझें और उसका पालन करें। 'अहिंसा धर्म के पातन से ही विश्व का कल्याण होगा ।
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