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શ્રી યશોવિજયજી જૈન ગ્રંથમાળા
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झेन : ०२७८-२४२५३२२ ३००४८४९
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र्यमाला अमोलकरत्न ||
॥ जैन सीतंबरीश्रावकी की ॥
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श्रीशीतलप्रसाद छाजेड जौहरी काशी बनारस निवासौने बनाकर संशोधित. और प्रकाशित किया ।
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यह पुस्तक समस्त श्रीसंघ के साहाज्यसें छपाई गई है साधर्मी भायोके हितार्थम् ।
इस पुस्तकको वा आशयको छपवानेका अखत्यार पुस्तक बनानेवाले की परवानगी बिना दूसरेको नहीं होगा मुताबिक ऐक्ट २० सन १८४७ व ऐक्ट २५ सन १८६७ इखौके फीस देकर पक्कौ
रजिष्टरौ कराया है।
कलकत्ता
बड़ाबाजार ७५ नं० तुलापट्टौसे
रामनारायण पालने
“नारायण” यत्व में छपौ ।
॥ सन १८९३ ॥
पहिलाबार १००००
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कौमत दो आना ।
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