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॥ सांकेतिकसूचीपत्र ॥ ॥ इस पुस्तकका इसारा इस मुजब है। भ. ऐसा लिखाहै उसे भगवान समझना वा इसके पीछे अंक लिखा होय जहां तो जानना अंक मुजब तीर्थ कर को जैसे १ का अंक है तो पहले तीर्थ कर समझना वा जहां कल्या० ऐसा लिखाहै वहां कल्याण क जानना वा इसके आगे अंक दीया होय जहांपै वहां अंक मुजव कल्याण क जान लेना के यहांपर इत्ते कल्याणक भएहैं। भगवानके वा कल्याणक पांच है भ० के उसका पहला हरफ लिखा है एक २ उसे कल्याणक समझना जैसे च० ऐसा लिखनसे चवन जानना इसीतरे अ. में जनम दि० में दिक्षा ज्ञा० में केवल ज्ञान मो० में भोक्ष समझ लेना और जहां मं. ऐसा लिखाहै उसे मन्दिरजी समझना वा जहां ध० ऐसा लिखाहै उसे धर्मशाला जानना वा जहां को० ऐसा लिखा है वहां कोस समझ लेना इसके आगे अंक लिखाहै उसे इत्ते कोस है वा जहां मो. ऐसा लिखा है वहां मौल समझना उसके आगे अङ्ग दिया होय तो इत्ते मोल है ऐसा जानना वा जहां रुपया सुका आना पाइ लिखाहै उसको रेलके तीसरे दरजेका मासूल जानना यहांसे वहांतक इत्ता दाम टोकटका एक आदमौ का लगेगा जहां रेलका रस्ताहै वहां रेल का रस्ता लिखाहै जहां खुसको रस्ता सड़कका वा पगडंडौकाहै वहां वैसा लिखाहै जहां सहरहै जहां वजारहै जहां गांव है जहां जंगल पहाड़है जिनस सीधा सामान मिलताहै वा नहीं मिलताहै सवारी मिलती है सव वा बैल गाड़ी फकत वा नहों मिलती है सब लिखाहै दर्पणवत् देख लेना।
॥और नक्से में ८ निसान बने है मंदिरजी पहाड़ तौविछेद खुसकी रस्ता सड़कका रेलके टेशन जहां तीर्थ मन्दिरजीहै वा रेलको लैनहै वा जो टेशनपर कुछ नहीं है वा जिस टेशनसे रेलको लेन बहोत है उसको जंक्शन लिखा है वा तीर्थों के नाम सहरोके ग्रामोके नाम वा टेशनीके नाम वगैरा सब हरफोमें लिखाहै जहां न• ऐसा लिखा होय उसे जंक्शन जानना करकचनवत् खुलासा ।
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