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________________ संख्या १] नई पुस्तकें है उससे सर्व-साधारण को पर्याप्त सन्तोष होगा। इस प्रकार कविताओं और कहानियों का जो संकलन किया गया है वह के अर्थों से मत-भेद हो सकता है, किन्तु इस प्रकार के विशेष रूप से सुन्दर है। इसको पढकर भारत प्रयत्न के बिना पुराणों में वर्णित अालंकारिक देव-गाथा के मुख्य उद्देश का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। कमला तथा उनके परिवार एवं वाहनों की कल्पनायें जनता के और भक्तिमार्ग नाम के दो रंगीन चित्रों के सिवा कई सादे विशेष उपयोग की वस्तु नहीं बन सकती हैं। इस प्रकार के चित्रों का भी इस अंक में समावेश किया गया है। राणों के उच्च विज्ञान के रहस्यों को बहुत कुछ दिवाली के सम्बन्ध की विशेष जानकारी रखनेवाले पाठकों सरल करने में समर्थ हुए हैं। डाक्टर भगवानदास को इस अंक का अवश्य संग्रह करना चाहिए। जी ने भी अपने 'समन्वय' नामक ग्रन्थ में इस दिशा ११–'सैनिक का' 'चुनाव-अंक'–सम्पादक, श्रीयुत में अच्छा प्रयत्न किया है। पुराणों के अलंकारों के रहस्यों श्रीकृष्णदत्त पालीवाल, प्रकाशक, सैनिक प्रेस, कसेरट को खोलकर लेखक ने हिन्दू-धर्म की प्रशंसनीय सेवा की है। बाज़ार, आगरा और मूल्य ३) है। प्रत्येक हिन्दू-धर्मावलम्बी को जो शिव-विषयक पौराणिक आगरे का 'सैनिक' एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय पत्र है । इसने अलंकार को समझना चाहे, इसका अध्ययन करना चाहिए। अपने प्रचार-क्षेत्र में राष्ट्रीयता के विचारों का प्रचार करने 'सन्त' की छपाई साधारण है तथा प्रूफ़ की अनेक अशु. में बड़ा काम किया है। चुनाव-अंक के रूप में इसका जो द्धियाँ इसमें छूट गई हैं, जिनकी ओर सम्पादक महोदय का विशेषाङ्क निकला है उसमें अागामी कौंसिल और असेम्बली ध्यान जाना चाहिए। के चुनाव पर कांग्रेस के बड़े बड़े नेताओं के उत्तम लेखों -कैलाशचन्द्र शास्त्री, एम० ए० का सुन्दर संग्रह किया गया है। इस अंक में श्री भूला९-'हिन्दुस्तान'--इस नाम का हिन्दी का एक नया भाई देसाई, श्री सत्यमूर्ति, श्री कावास जी जहाँगीर, श्री दैनिक गत छः महीने से दिल्ली से सफलता के साथ निकल मोहनलाल सक्सेना आदि के लेखों-द्वारा चुनाव के विषय रहा है। यह दैनिक साफ़-सुथरा छपता है । इसका सम्पादन पर काफ़ी प्रकाश डाला गया है। लेखों का चयन बहुत उत्तम बहुत अच्छे ढंग से होता है । यह कांग्रेस का समर्थक है। है। आज-कल चुनाव की चर्चा जोर पकड़ रही है इसलिए अभी हाल में महात्मा गांधी की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सभी वोटरों के लिए इस अंक का पढ़ना आवश्यक है। 'गांधी-जयन्ती-अंक' के नाम से इसका एक विशेष अंक १२–'योगी' का 'दीपावली-अंक'-संपादक, निकला है। इस अंक में महात्मा जी के सम्बन्ध में जो श्रीयुत अार० एल० शर्मा, प्रकाशक, योगी-प्रेस, पटना हैं लेख छापे गये हैं, रोचक तथा महत्त्व के हैं। उनमें एक और मूल्य 7) है। लेख मौलाना शौकतअली का भी है, जिसके अन्त में 'योगी' विहार का एक प्रसिद्ध साप्ताहिक पत्र है। उनका हिन्दी में हस्ताक्षर भी छापा गया है, जो अति अपने अल्पकाल के जीवन में ही यह वहाँ का एक लोकमनोरञ्जक है। प्रिय पत्र हो गया है। इसका दीपावली-अंक भिन्न भिन्न १०-'महारथी' का 'दीपावली-अंक'–सम्पादक, विषयों की अनेक कविताओं, कहानियों और लेखों से श्रीयुत रामचन्द्र शर्मा, प्रकाशक महारथी-प्रेस, दिल्ली सज्जित है। इस अंक में पं० बनारसीदास चतुर्वेदी, श्री शाहदरा हैं। __ब्रजमोहनदास वर्मा, श्रीयुत सुदर्शन, श्री केशरीकिशार'महारथी' का प्रकाशन इसके प्रवर्तक और सम्पादक शरण एम० ए० आदि के लेख उल्लेखनीय हैं। मुखपृष्ठ श्रीयुत रामचन्द्र शर्मा ने बड़े उत्साह के साथ किया था पर पंडित जवाहरलाल नेहरू और स्वर्गीया श्रीमती कमला और जितने दिनों तक वह निकला, अच्छे रूप में निकला। नेहरू के चित्र हैं। इसके अतिरिक्त अन्य अनेक स्त्रीपरन्तु बीच में यह कुछ दिनों तक बन्द रहा। प्रसन्नता की पुरुषों के चित्र इसमें प्रकाशित किये गये हैं। बात है, यह फिर नई सजधज के साथ निकला है। भगवान् १३-'लोकमान्य' का 'दीपावली विशेषांक'-- करे, यह चिरायु हो। संपादक व प्रकाशक, श्रीयुत मन्मथनाथ चौधरी, १६०, दीपावली-अंक इसका विशेषांक है। इसमें लेखों, हरीसन रोड, कलकत्ता हैं और मूल्य =) है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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