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________________ सरस्वती [भाग ३८ है और जिन कारणों से मुझे यह निर्णय करना पड़ा मैं, एडवर्ड अष्टम, ब्रिटेन, आयलैंड तथा है, मेरी प्रजा मेरा समर्थन करेगी। मैं अपने व्यक्तिगत समुद्र-पार के ब्रिटिश उपनिवेशों का राजा और मनोभावों के सम्बन्ध में यहाँ कुछ नहीं कहूँगा, परन्तु मैं भारतवर्ष का राजराजेश्वर अपने और अपने वंशजों प्रार्थना करूँगा कि यह याद रखना चाहिए कि सम्राट के के लिए तख्त छोड़ने के लिए अटल संकल्प की कन्धों पर लगातार जो बोझ रहता है वह इतना भारी है घोषणा करता हूँ। साथ ही मैं यह भी घोषित करता कि वह केवल उन्हीं परिस्थितियों में उठाया जा सकता हूँ कि मेरी इच्छा है कि राज्य-त्याग के इस घोषणापत्र है जब कि वे उन परिस्थितियों से भिन्न हों जिनमें कि के अनुसार तत्काल कार्यवाही की जाय। इसके लिए इस समय में अपने को पाता हूँ। मैं आज १० दिसम्बर १९३६ को निम्नलिखित गवाहों के सम्मुख हस्ताक्षर करता हूँ।" हस्ताक्षर-सम्राट् एडवर्ड । फोर्ट वलवेडियर में अलबर्ट हेनरी जार्ज के सम्मुख हस्ताक्षर हुए। "मेरे इस घोषणा-पत्र पर मेरे तीन भाइयों ने गवाहियाँ दी हैं। “विभिन्न निर्णय करने के सम्बन्ध में मुझसे जो अपील की गई हैं, उनमें व्यक्त भावनात्रों की मैं सराहना करता हूँ और अंतिम निर्णय पर पहुँचने के पहले मैंने उन पर पूर्ण विचार कर लिया है। मगर मेरा निश्चय अटल है। इसके अलावा अब विलम्ब करना उस जनसाधारण के लिए हानिकारक होगा, जिनकी सेवा युवराज और सम्राट के रूप में करने की चेष्टा मैंने की है और जिनकी भावी उन्नति और सुख सदा हमारे हृदय में रहेंगे। ___ "मुझे पूरा यकीन और उम्मीद है कि मैंने जिस मार्ग का अनुसरण किया है वह राज-सिंहासन और साम्राज्य के स्थायित्व और प्रजाजन के सुख के लिए सर्वोत्तम है। मेरे सिंहासनारूढ़ होने के बाद मेरे प्रति जो सद्भावनायें दिखाई गई हैं और जो मेरे उत्तराधिकारी के प्रति भी दिखाई जायँगी उनके लिए मैं कृतज्ञ रहूँगा। [मिसेज़ सिम्पसन का हाल का एक चित्र ।] ___"मैं इसके लिए उत्सुक हूँ कि इस घोषणा को कार्यमेरा विचार है कि उस समय मैं अपने उस कर्तव्य रूप देने में विलम्ब नहीं होना चाहिए और मेरे वैध से विमुख नहीं हो रहा हूँ जो सार्वजनिक हितों को सबसे उत्तराधिकारी मेरे भाई हिज़ रायल हाइनेस ड्यूक अाफ़ यार्क आगे रखने का मुझ पर है, जब कि मैं यह घोषित करूँ को शीघ्र ही सिंहासनारूढ़ करने की कार्रवाई करनी कि मैं यह महसूस करता हूँ कि मैं इस भारी काम को अब चाहिए।" योग्यता अथवा अपने सन्तोष के लायक पूरा नहीं कर सकता। __ अतः आज सुबह मैंने निम्नलिखित शर्तों के अनुसार प्रधान मत्री मिस्टर बाल्डविन का वक्तव्य राज-सिंहासन छोड़ने के घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर सम्राट् के राजसिंहासन त्याग के बाद प्रधान किये हैं। मंत्री मिस्टर बाल्डविन जिन्होंने इस सम्बन्ध में Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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