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________________ (व्ययस्तरेखा-शब्द-पहेली ४५०) ३००) शुद्ध पूर्ति पर | न्यूनतम अशुद्धियों पर नियम-(१) वर्ग नं०९ में निम्नलिखित पारि- भी एक ही लिफ़ाफ़ या पैकेट में भेजी जा सकती हैं। तोषिक दिये जायँगे । प्रथम पारितोषिक–सम्पूर्णतया शुद्ध मनीआर्डर व वर्ग-पूर्तियाँ 'प्रबन्धक, वर्ग-नम्बर ९, इंडियन पूर्ति पर ४५०) नकद । द्वितीय पारितोषिक-न्यूनतम प्रेस, लि०, इलाहाबाद' के पते से जानी चाहिए। अशुद्धियों पर ३००) नक़द । वर्गनिर्माता की पूर्ति से, लिफ़ाफ़े में वर्ग-पति के साथ मनीग्रार्डर की जो महर बन्द करके रख दी गई है, जो पूर्ति मिलेगी वही रसीद या प्रवेश-शुल्क-पत्र नत्थी होकर पाना अनिवार्य है। सही मानी जायगी। रसीद या प्रवेश-शुल्क-पत्र न होने पर वर्ग-पूर्ति की जाँच (२) वर्ग के रिक्त कोष्ठों में ऐसे अक्षर लिखने चाहिए - न की जायगी। लिफ़ाफ़े की दूसरी ओर अर्थात् पीठ पर जिससे निर्दिष्ट शब्द बन जाय । उस निर्दिष्ट शब्द का संकेत मनीआर्डर भेजनेवाले का नाम और पूर्ति-संख्या लिखनी अङ्क-परिचय में दिया गया है। प्रत्येक शब्द उस घर से आवश्यक है। श्रारम्भ होता है जिस पर कोई न कोई अङ्क लगा हुआ है (६) किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह और इस चिह्न (") के पहले समाप्त होता है। अङ्क-परिचय जितनी पूर्ति-संख्याये मेजनी चाहे, भेजे । किन्तु प्रत्येक में ऊपर से नीचे और बायें से दाहनी ओर पढ़े जानेवाले वर्गपूर्ति सरस्वती पत्रिका के ही छपे हुए फ़ार्म पर होनी शब्दों के अङ्क अलग अलग कर दिये गये हैं, जिनसे यह चाहिए । इस प्रतियोगिता में एक व्यक्ति का केवल एक ही पता चलेगा कि कौन शब्द किस ओर को पढ़ा जायगा ।। (३) प्रत्येक वर्ग की पूर्ति स्याही से की जाय । पेंसिल इनाम मिल सकता है। वर्गपूर्ति की फ़ीस किसी भी दशा में नहीं लौटाई जायगी । इंडियन प्रेस के कर्मचारी इसमें से की गई पूर्तियां स्वीकार न की जायँगी। अक्षर सुन्दर, सुडौल और छापे के सदृश स्पष्ट लिखने चाहिए। जो भाग नहीं ले सकेंगे। (७) जो वर्ग-पूर्ति २४ अप्रैल तक नहीं पहुँचेगी, जाँच अक्षर पढ़ा न जा सकेगा अथवा बिगाड़ कर या काटकर में नहीं शामिल की जायगी । स्थानीय पूर्तियाँ २४ ता० को दूसरी बार लिखा गया होगा वह अशुद्ध माना जायगा।। (४) प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए जो फीस पाँच बजे तक बक्स में पड़ जानी चाहिए और दर के स्थानों वर्ग के ऊपर छपी है दाखिल करनी होगी। फीस मनी- (अर्थात् जहाँ से इलाहाबाद डाकगाड़ी से चिट्ठी पहुँचने में आर्डर-द्वारा या सरस्वती-प्रतियोगिता के प्रवेश-शुल्क-पत्र __२४ घंटे या अधिक लगता है) से भेजनेवालों की पूर्तियाँ २ (Credlit voucher) द्वारा दाखिल की जा सकती है। दिन बाद तक ली जायँगी। वर्ग-निर्माता का निर्णय सब इन प्रवेश-शुल्क-पत्रों की किताबें हमारे कार्यालय से ३) या - प्रकार से और प्रत्येक दशा में मान्य होगा। शुद्ध वर्ग-पूर्ति । ६) में ख़रीदी जा सकती हैं । ३) की किताब में आठ पाने की प्रतिलिपि सरस्वती पत्रिका के अगले अङ्क में प्रकाशित मूल्य के और ६) की किताब में ११ मूल्य के ६ पत्र बँधे होगी, जिससे पूर्ति करनेवाले सज्जन अपनी अपनी वर्ग-पर्ति हैं। एक ही कुटुम्ब के अनेक व्यक्ति, जिनका पता- की शुद्धता अशुद्धता की जांच कर सके। ठिकाना भी एक ही हो, एक ही मनीआर्डर-द्वारा अपनी (८) इस वर्ग के बनाने में संक्षिप्त हिन्दी-शब्दसागर' अपनी फीस भेज सकते हैं और उनकी वर्ग-पूर्तियां और 'बाल-शब्दसागर' से सहायता ली गई है। २९३ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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