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________________ संख्या ४] नई पुस्तके . . . ३९१ एक उपयोगी पत्र हैं। बाग़-बगीचा के प्रेमियों को इसके . (२) बीमा और वाणिज्य-यह अपने विषय का द्वारा उपयोगी अनुभवों से काफ़ी अभिज्ञता हो सकती है। एक नया मा.सक है । सम्पादक श्रीयुत एम० आर० बंसल, अतएव उन्हें इससे लाभ उठाना चाहिए। बी० एस सी० हैं। इंश्योरेंस एंड सोसाइटी, ४६ स्ट्राण्ड -ए० बी० सी० रोड, कलकत्ता से प्रकाशित होता है । वार्षिक मूल्य ११-१३-मराठी के ३ पत्र (१) आनन्द-यह मराठी का सचित्र मासक पत्र ३१ इसका प्रदर्शनी अंक हमारे सामने है। यह विशेष वर्ष से 'बाल-सखा' के साइज़ में निकल रहा है, जो बालक- रूप से सज-धज के साथ प्रकाशित : रूप से सज-धज के साथ प्रकाशित हश्रा है। इसमें बीमाबालिकाओं के पढने योग्य अति उत्तम है। इसमें शिक्षा सम्बन्धी अनेक सन्दर लेखों का संग्रह किया गया है। प्रद लेखों के अतिरिक्त कुछ रंगीन तथा सादे चित्र भी दिये बीमा-सम्बन्धी जानकारी के लिए यह पत्र विशेष उपरहते हैं । इसका वापिक मूल्य ३) है। यह छोटे श्राकार योगी है। में भी निकलता है, जिसका वापिक मूल्य २) है । पता (३)-खत्री-हितैषी (मासिक पत्रिका)-सम्मादक, श्रानन्द कार्यालय, १९६।४६ सदाशिव पेठ, पूना। श्रीयुत हरेकृष्ण धवन एडवोकेट, गौरीशंकर टंडन बी० ए० (२) महिला-यह स्त्रियोपयोगी पत्र तीन साल से और प्रेमनारायण टंडन, प्रकाशक, मैनेजर, खत्री-हितैषी, निकल रहा है । इसके प्रायः सभी विषय चुने हुए और कैसर मंज़िल, लखनऊ हैं और वाषिक मल्य || है। यह स्त्रियोपयोगी होते हैं। छपाई भी सुन्दर है। इसकी सम्पा यद्यपि खत्री-जाति का एक जातीय पत्र है, तथापि यः दिका तथा प्रकाशका हैं श्रीमती माई वरेरकर । इसका विविध विषय-विभूषित रहता है अतः इतर लोग भी इससे वापिक मूल्य २।।) है। पता-महिला श्राफ़िस, पाप्युलर अपना काफ़ी मनोरञ्जन कर सकते हैं। प्रिटिग प्रेस, सूय महाल, गिरगाँव, मुंबई नं० ४ । (३) लोकशिक्षण—यह पत्रिका महाराष्ट्र-भाषा -गंगासिंह भाषियों की सात साल से सेवा कर रही है। इसकी छपाई निम्नलिखित भाषण प्राप्त हुए । भेजनेवाले बहुत साफ़-सुथरो तथा चित्ताकर्षक है । यह एक शिक्षा- सजन को धन्यवादसम्बन्धी उपयोगी पत्र है। इसके सम्पादक हैं श्रीगणेश १-श्रीमती सुभद्राकुमारी चौहान का भाषण । गंगाधर जांभेकर और वाषिक मूल्य ४) है। पता- २–श्रीमती तोरनदेवी शुक्ल 'लली' का भाषण। व्यवस्थापक लोकशिक्षण कार्यालय, १९९/५ सदाशिव ३-पूज्य काका कालेलकर का दीक्षान्त भाषण । पेठ, पूना नं० २। ४-श्री सौदामिनी मेहता, बी० ए० का प्रारंम्भिक १४-१६-हिन्दी के ३ पत्र भाषण। (१) किरण- यह एक मासिक पत्रिका है। इसके ५-श्री तारादेवी पांडे का भाषण । सम्पादक, श्रीयुत कप्तानसिंह हैं। इसका वाषिक मूल्य ३) है। ___इसका दूसरा और तीसरा अंक हमारे सामने है। ६-श्री शान्तादेवी श्रीवास्तव विदुषी, बी. ए. इसमें सचित्र तथा सादे लेखों का सुन्दर संग्रह किया गया का माषण। है। सभी लेख सुपाठ्य और उपयोगी हैं। सामयिक . ७--श्री भागीरथ जी कनोडिया का भाषण । अावश्यकताओं की पूत्ति के लिए यह एक सुन्दर पत्रिका ८-सौभाग्यवती रमारानी जैन का भाषण । है । हिन्दी प्र मयों को इससे अपनाना चाहिए । पता- उक्त सभी भाषण बिगत माघ में प्रयाग-महिलाकिरण कार्यालय, आगरा। विद्यापीठ के वाषिक जलसे के समय पढ़े गये हैं। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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