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सरस्वती
[भाग ३
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२०१४ x १२६९ ८.३३८३ में प्रथम सुमेर-राजा उक्कुसि वंशावली के नाम
राज्य-काल राज्यारूढ़ हुआ था। यही पाश्चमी एशिया का सर्वप्रथम अनुसार क्रम राजा तथा सुमेर-राज्य-वंश का आदि-पुरुष था। इसके
उक्कुसि
३३-३३३५३ विषय में निप्पुरवंशावली' में यह लिखा हुअा है
बक्कुस
३३५३ ३३०३ . - "स्वर्ग से राज्य-सत्ता का आगमन हुअा।
निमीरूद
३३०३-३२७७ ____इरीदु में राज्य का प्रारम्भ हुआ।
पुनपुन
३२७७-३२६२ .. इरीदु में (सर्व-प्रथम) उक्कुसि राजा हुअा।"
नक्ष अनेनु ३२६२-३२५२ भूगम के प्रमाण-द्वारा नवीन काल-क्रम की ११- दुइमुश्शुदियाश ३१९४ ३१८८
१७- पाउसा
३११४-३१०५ सत्यता की पुष्टि
१८- इन्नशनद
३१०५-३०९७ , अब देखना चाहिए कि उक्कुसि के ई० पू० ३३८३ १९- मेदी
३०९७-३०६१ में सिंहासनारूढ़ होने का और भी कोई प्रमाण है। यह २०- पुकुडा
३०६१-३०४४ तो स्पष्ट ही है कि उक्कुसि ने इरीदु को अपनी राजधानी
तारशी
३०४४.३०२७ बनाया था, जो उस समय ईरान की खाड़ो पर बन्दरगाह २३- पश्शीपदा ३०१०-२९९३ था। सुमेर-लेखों में इसका स्पष्ट उल्लेख है कि सुमेर लोग ३६
२७७२-२७५५ ईरान की खाड़ी के मार्ग से मेसोपोटामिया में आये थे और
३७- शगुर, शासकिन
२७३०-२६६७ नाविक होने के ही कारण उन्होंने इरीदु के बन्दरगाह को ३८- मनिश, मंज २६६७-२६५० अपनी राजधानी बनाया था। परन्तु इरीदु से समुद्र के दूर
नरम अशु २६५०-२५९४ हटते जाने के कारण उसके राजधानी बनने के ४३वे वर्ष ४१-- दलीप
२५९४-२५७० में उक्कुसि के पुत्र क्क्कुस ने किश को राजधानी बनाया। ४३
शुदुरकिब
२५४९-२५३४ इससे ज्ञात होता है कि इरीदु के राजधानी बनने के करीब, ५१- सुद्दा
२४२८-२४०४ ४० वर्ष पश्चात् से समुद्र उसके निकट से दूर हटने लगा ५३- उराशूतू
२३८७-२३६५ था, अर्थात् ई० पू० ३३४३ के करीब की यह घटना है।
दधु
२१९७-२१५६ अाज इरीदु से १५१ मील दूर समुद्र पहुँच गया है। ६१- उजम
२१५६-२१४५ सर हेनरी रालिन्सन ने हिसाब लगाया था कि मेसोपोटामिया ६२-- दशाशीउशाश २१४५-२११७ से ३५ वर्ष में एक मील के औसत हिसाब से ईरान की
रामसिन
२११७-२०९६ खाड़ी दक्षिण की अोर खिसकती जा रही है। इससे ज्ञात ६४- लिबी
२०९६-२०९१ होता है कि १५१ x ३५ = ५२८५ वर्ष पूर्व अर्थात् ई० .६५- इवीती
२०९१-२०८३ पू०५२८५-१९३६ - ३३४९ तक इरीदु समुद्र के किनारे
मिस्र की नवीन काल-गणना था। इस घटना के करीब ४० वर्ष पूर्व अर्थात् ई० पू० मेसोपोटामिया की सभ्यता सबसे अधिक प्राचीन ३३४९ x ४० - ३३८९ में इरीदु में उक्कुसि ने राजधानी समझी जाती है। उस देश के राज-वंश की विश्वसनीय स्थापित की थी। यह समय तथा वंशावलियों द्वारा निःश्चत काल-गणना ऊपर दी जा चुकी है। सभ्यता की प्राचीनता किया हुआ इस घटना का काल ई० पू० ३३८३ मिलता के विषय में मिस्र का दूसरा नंबर है। परन्तु हुआ है। इस प्रकार इस घटना काल की सत्यता का वहाँ के प्रथम राजा मेनेज़ का ही समय कितना अनिश्चित समथन हो जाता है। इस काल-क्रम के अनुसार कुछ और विवाद-ग्रस्त है, यह पीछे बतलाया जा चुका है। प्रसिद्ध सुमेर-राजाओं का राज्य-काल इस प्रकार निश्चित मेनेथो नामक ग्रीक लेखक ने मिस्र के यूनानी राजा टालेमी
.. के लिए प्राचीन मिसी साहित्य तथा वंशावलियों के आधार
होता है
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